भारत: जनांदोलन में बदल रहा है स्वावलंबी भारत अभियान-सतीश

राजधानी में गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए सतीश कुमार ने कहा, लंबे समय से देश की एक प्रमुख समस्या बेरोजगारी है। स्वदेशी जागरण मंच ने कुछ अन्य संगठनों के साथ मिलकर देश को पूर्णत: रोजगारयुक्त बनाने का संकल्प किया है। इसके लिए 12 जनवरी युवा दिवस के मौके पर देश के सभी प्रांत केन्द्रों पर गैर-सरकारी पहल स्वावलम्बी भारत अभियान की शुरूआत हुई है।

Janandolan me badla abhiya.
भोपाल 25 अगस्त, (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के प्रवास पर आए स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने कहा है कि युवा दिवस के मौके पर देशव्यापी शुरू किया गया स्वावलंबी भारत अभियान धीरे-धीरे जनांदोलन का रुप लेता जा रहा है।

राजधानी में गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए सतीश कुमार ने कहा, लंबे समय से देश की एक प्रमुख समस्या बेरोजगारी है। स्वदेशी जागरण मंच ने कुछ अन्य संगठनों के साथ मिलकर देश को पूर्णत: रोजगारयुक्त बनाने का संकल्प किया है। इसके लिए 12 जनवरी युवा दिवस के मौके पर देश के सभी प्रांत केन्द्रों पर गैर-सरकारी पहल स्वावलम्बी भारत अभियान की शुरूआत हुई है।

इस अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इसके लिए हमने चार आधारभूत मन्त्र है, विकेंद्रीकरण, सहकारिता, स्वरोजगार या उद्यमिता तथा स्वदेशी का आग्रह। इसके लिए देश के सभी 739 जिलों में तीन काम किये जायेंगे। पहला, हर जिलें में सृजन केंद्रों की स्थापना किसी न किसी विश्विद्यालय या बड़े महाविद्यालय के साथ मिलकर की जाएगी। दूसरा काम है कि वहां के स्थानीय अर्थ व रोजगार सृजकों का उद्यमियों के साथ संवाद, सहयोग व सहकार करके इस कार्य में लगाया जाएगा। तीसरा, युवा शक्ति की मानसिकता में परिवर्तन करने का रहेगा ताकि युवा नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। इसलिए तीन करोड़ कॉलेज विद्यार्थी, 1000 विश्वविद्यालय व 53 हजार कॉलेजों में सक्रियता का वातावरण तैयार करना है। अभी तक लगभग 1200 कार्यक्रम देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में सफलता पूर्वक सम्पन्न हो चुके हैं। 28 अगस्त को अंतराष्ट्रीय उद्यमिता दिवस तक देश के हर जिलें में ऐसे कुल 3000 कार्यक्रम सम्पन्न हो जाएंगे।

इस अभियान केा मिल रही सफलता का जिक्र करते हुए सतीष कुमार ने कहा, इस अभियान के अंतर्गत आर्थिक समूह के छह संगठन भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, लघु उद्योग भारती तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आदि 14 संगठन मिलकर यह कार्य कर रहे हैं। धीरे-धीरे अन्य स्थानीय समाजिक, आर्थिक संस्थाएं भी जुड़ती दिखाई दे रही हैं। यह एक जनांदोलन बनता जा रहा है। इन सबके बीच तालमेल का काम स्वदेशी जागरण मंच कर रहा है।

--आईएएनएस

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