राजस्थान 2022—23 का बजट और प्रतिक्रियाएं: गहलोत सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने बजट को बताया ऐतिहासिक तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने लोक लुभावन
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का 2022—23 का बजट पेश किया। बजट को लेकर जहां सत्ता पक्ष के मंत्री—विधायकों ने ऐतिहासिक बताया, तो दूसरी ओर विपक्ष की ओर से इसे लोक लुभावन बजट बताया गया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने तो इस बजट को काली दुल्हन को ब्यूटी पार्लर में ले जाकर उसका अच्छे
जयपुर, 23 फरवरी।
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का 2022—23 का बजट पेश किया। बजट को लेकर जहां सत्ता पक्ष के मंत्री—विधायकों ने ऐतिहासिक बताया, तो दूसरी ओर विपक्ष की ओर से इसे लोक लुभावन बजट बताया गया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने तो इस बजट को काली दुल्हन को ब्यूटी पार्लर में ले जाकर उसका अच्छे से श्रृंगार कर पेश करना बता दिया।
राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ बीडी ने कहा कि राज्य बजट 2022-23 अपने आप में ऎतिहासिक है। मुख्यमंत्री गहलोत ने समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए प्रदेश की जनता के समक्ष शानदार व लोककल्याणकारी बजट पेश किया है।
प्रदेश के 7 करोड़ निवासियों की प्रमुख मांगों एवं विकास कार्यों को पूरा करने का कार्य किया है।
वहीं कृृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने ‘कृृषि बजट’ को प्रदेश में खेती-किसानी के क्षेत्र में एक नए युग की शुरूआत बताया।
कटारिया ने कहा कि राज्य बजट किसान-पशुपालक के कल्याण के साथ सभी वर्गों की उम्मीदें पूरी कर खुशहाली लाने वाला है।
कांग्रेस का बजट लोक लुभावन
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि किसी काली दुल्हन को ब्यूटी पार्लर में ले जाकर अच्छे से श्रृंगार करके उसे पेश कर दिया। इससे ज्यादा बजट में कुछ लगता नहीं है।
सरकार ने चुनाव जैसा लोक लुभावन बजट पेश किया है। मुख्यमंत्री घोषणाजीवी हैं, कथनी और करन में अंतर है। इस तरह की घोषणाएं हैं जैसे कल ही चुनाव में जाना है, लेकिन वादाखिलाफी एवं झूठे वादों से प्रदेश का किसान और युवा 2023 में कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए आक्रोशित है।
पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि विगत साल संकल्प और किए तमाम वादे भी अभी पूरे नहीं हुए हैं। संविदाकर्मियों का नियमितीकरण, बिजली में आत्मनिर्भरता, बेरोजगारी भत्ता, लंबित भर्तियां पूरे करने के वादे भी अधूरे हैं और उद्योगों में नया निवेश नहीं हुआ।
वहीं दूसरी ओर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कपोल कल्पित घोषणाओं के आधार सदन में रखा गया Rajasthan Budget 2022 प्रदेश की साढ़े 7 करोड़ जनता के साथ छलावा है।
सरकार ने विगत 3 बजटीय घोषणाओं की तरह इस बजट 2022-23 में भी राज्य की डगमगाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई भी ठोस कार्ययोजना सरकार प्रस्तुत नहीं कर पाई।
राजस्थान में अलग से प्रस्तुत किए गए पहले कृषि बजट में किसानों के लिए ना तो संपूर्ण कर्जमाफी की घोषणा की और ना ही विशेष ऐलान।
पुरानी योजनाओं को नये प्रारूप में रखकर किसानों के साथ छलावा किया गया है। कृषि बजट आने के बाद अब किसान स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
इधर सीएम के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि चारों और खुशी का माहौल। एक दूसरे को बधाई देते कर्मचारी। घरेलू बिजली में अनुदान। चौतरफ़ा विकास। एक बार फिर मंजे हुए खिलाड़ी का रुतबा दिखा गया राजस्थान 2022-23 का बजट।