एसपी साहब क्या क्या छुपाओगे ?: अब सिरोही पुलिस कर रही है बदले की कार्रवाई, पुलिस की झूठी कार्रवाई को उजागर करने वाले महत्वपूर्ण सुराग देने पर टोल कर्मियों को किया जा रहा परेशान

शराब तस्करों के साथ सांठ-गांठ और मिलीभगत के आरोपों से घिरी सिरोही पुलिस अब बदले की कार्रवाई पर उतर आई है। आबकारी विभाग की पांच जिलों की संयुक्त टीम द्वारा शराब तस्करी के मामले का पूरा भंडाफोड़ करने के बाद जब सिरोही पुलिस की किरकिरी हुई तो सिरोही पुलिस ने आनन-फानन में दूसरे ही दिन शराब तस्करी से जुडी .............

  • कोविड गाइडलाईन की पूरी पालना के बावजूद टोलकर्मियों के काटे चालान 
  • मीडिया का कैमरा देखकर एक एक कर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी मौके से हुए रवाना 

सिरोही। शराब तस्करों के साथ सांठ-गांठ और मिलीभगत के आरोपों से घिरी सिरोही पुलिस अब बदले की कार्रवाई पर उतर आई है। आबकारी विभाग की पांच जिलों की संयुक्त टीम द्वारा शराब तस्करी के मामले का पूरा भंडाफोड़ करने के बाद जब सिरोही पुलिस की किरकिरी हुई तो सिरोही पुलिस ने आनन-फानन में दूसरे ही दिन शराब तस्करी से जुडी एक दूसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देकर अपनी साख बचाने का कुत्सित प्रयास किया। लेकिन FIRST BHARAT की टीम ने सिरोही पुलिस द्वारा की गई उक्त कार्रवाई की पड़ताल की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये।

हमारी टीम ने जब इस पुरे प्रकरण को लेकर उडवारिया टोल प्लाजा से CCTV फुटेज प्राप्त किये और इस पूरे मामले का सनसनीखेज खुलासा किया तो सिरोही पुलिस के कप्तान हिम्मत अभिलाष टाक का पारा सांतवें आसमान पर पहुँच गया और तुरंत ही टाइगर के हनुमान सरूपगंज थानाधिकारी छगन डांगी व पिंडवाड़ा डीएसपी किशोर सिंह को उड़वारिया टोल प्लाज़ा के कर्मचारियों पर दबाव बनाने हेतु कोविड गाइडलाईन को लेकर चालान करने के निर्देश दे दिए। फिर क्या था, देखते ही देखते खाकीधारियों की पूरी फ़ौज एक साथ उड़वारिया टोल प्लाजा पर पहुँच गई और टोल प्लाजा के कर्मचारी जो पूरी कोरोना गाइडलाईन की पालना करते हुए कार्य कर रहे थे। उनके विरुद्ध बिना मास्क के कई चालान एक साथ काट लिए। जबकि कार्रवाई के दौरान टोल पर कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों ने बाकायदा मास्क पहने हुए थे।

मजे की बात तो यह है कि जिस वक़्त सरूपगंज थानाधिकारी छगन डांगी और पिंडवाड़ा डीएसपी किशोर सिंह इस बदले की कार्रवाई को अंजाम दे रहे थे उस वक़्त भी FIRST BHARAT की टीम टोल प्लाजा पर ही मौजूद थी. इस पुरे घटनाक्रम का हमारी टीम ने एक बार फिर से कैमरे में कैद कर दिया। जैसे ही हमारी टीम के वहां होने की जानकारी इन वर्दी वालों को लगी तो कार्रवाई को बीच में ही छोड़ कर एक-एक खाकीधारी वहां से रवाना होने लगा।

हमने जब इस पुरे मामले को लेकर थानाधिकारी और डिप्टी से बात करनी चाही तो दोनों ही अधिकारी इस कार्रवाई को रुटीन कार्रवाई बताते हुए वहां से रवाना हो गए। अगर रुटीन कार्रवाई ही थी तो फिर हमारी टीम को देखकर ये अधिकारी वहां से रवाना क्यों हुए ? अगर यह रुटीन कार्रवाई ही थी तो इससे पहले कोरोना गाइडलाईन की अवहेलना खाकीधारियों को पहले नजर क्यों नहीं आई ? यदि यह बदले की कार्रवाई नहीं थी तो लॉक डाउन के दौरान इससे पहले कभी टोल प्लाजा पर इस प्रकार के चालान क्यों नहीं काटे गए? यानि टोल प्लाजा द्वारा मीडिया कर्मियों को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करवाना और टोल से गुजरे शराब तस्करी में लिप्त पकडे गए ट्रक कंटेनर की पिछले एक महीने की जानकारी उपलब्ध करवाना पुलिस को नागवार गुजरा और इसी बात की खुन्नस के चलते टोल प्लाजा के कर्मचारियों  के एक साथ इतनी बड़ी संख्या में चालान गए।