सदन में संयम लोढ़ा: मारवाड़ जनजाति विकास बोर्ड का गठन तो हो गया लेकिन आदिवासियों को अब तक नहीं मिला इसका लाभ

कोई भी अध्ययन जनजाति परामर्षदात्री समिति द्वारा नही किया गया। लोढ़ा ने कहां कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह कर मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन करवाया जिससे मारवाड क्षेत्र में जो भील, मीणा, गमेती, गरासिया रहते है उनके जीवन स्तर को उंचा उठाने का काम किया जा सके।

 सिरोही/जयपुर। जैसलमेर की राजनीतिक यात्रा में आए विचार पर आदिवासी बोर्ड का गठन तो हो गया, लेकिन आदिवासियों का क्या भला हुआ? सवाल मौजूं हुआ राजस्थान विधानसभा में।

मारवाड़ जनजाति विकास बोर्ड का गठन होने के बाद भी अभी तक बोर्ड के तहत कोई कार्रवाई नहीं होने पर पर विधायक संयम लोढ़ा ने यह मामला राजस्थान विधानसभा में प्रमुखता से उठाया और बोर्ड को गतिशील कर आदिवासियों मारवाड़ जनजाति विकास बोर्ड का प्रभावी लाभ दिलाने की मांग की।

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 विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि पिछले वर्ष आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मारवाड़ जनजाति विकास बोर्ड का गठन करने की मांग की गई थी। लोढ़ा ने कहां कि जनजाति परामर्षदात्री समिति बनी हुई है उसमें जोधपुर सम्भाग के आदिवासियों की क्या स्थिति है, नौकरी, Education, चिकित्सा, पोषण की क्या स्थिति है।

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कोई भी अध्ययन जनजाति परामर्षदात्री समिति द्वारा नही किया गया। लोढ़ा ने कहां कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह कर मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन करवाया जिससे मारवाड क्षेत्र में जो भील, मीणा, गमेती, गरासिया रहते है उनके जीवन स्तर को उंचा उठाने का काम किया जा सके।

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विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा में कहां कि मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन होने के बाद भी बोर्ड अभी तक ठंडे बस्ते में पडा हुआ है। उसकी कार्यवाही अभी तक कोई शुरू नही हुई है। विधायक संयम लोढ़ा ने राज्य विधानसभा में आग्रह करते हुए कहां कि मारवाड ग्रामीण जनजाति विकास बोर्ड को गतिशील करे ताकि मारवाड के आदिवासियों को उसका लाभ मिल सके।