महापौर सौम्या गुर्जर पर एक्शन की तैयारी: गहलोत सरकार ने 3 पार्षदों को किया बर्खास्त, 6 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध

गहलोत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जयपुर ग्रेटर नगर निगम के 3 पार्षदों को बर्खास्त कर दिया है। इन तीनों पार्षदों को जयपुर नगर निगम ग्रेटर के पूर्व आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ बदसलूकी मामले की न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने ये कदम उठाया है।

जयपुर | राजस्थान की गहलोत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जयपुर ग्रेटर नगर निगम के 3 पार्षदों को बर्खास्त कर दिया है। इन तीनों पार्षदों को जयपुर नगर निगम ग्रेटर के पूर्व आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ बदसलूकी मामले की न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने ये कदम उठाया है। इनमें दो भाजपा के और एक निर्दलीय पार्षद है। 

अब छह साल तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब शंकर शर्मा, अजय सिंह और पारस जैन तीनों पार्षद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इनके चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। राज्य सरकार की पार्षदों पर की गई इस कार्रवाई को लेकर भाजपा समर्थकों में भारी आक्रोश है।

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महापौर सौम्या गुर्जर भी न्यायिक जांच में दोषी
जयपुर ग्रेटर नगर निगम के तीन पार्षद ही नहीं, यहां की महापौर सौम्या गुर्जर भी न्यायिक जांच में दोषी पाई गई है। महापौर सौम्या गुर्जर पर कार्रवाई को लेकर सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहत है। इसलिए राज्य सरकार उनके खिलाफ भी कार्रवाई से पहले अतिरिक्त महाधिवक्ता से राय ले रही है। सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के बाद ही सरकार सौम्या गुर्जर के खिलाफ कोई एक्शन लेगी।

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ये है विवाद का पूरा मामला
बता दें कि 4 जून, 2021 को पूर्व आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव से महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षद शंकर शर्मा, अजय सिंह और पारस जैन का विवाद हुआ था। इसके बाद 6 जून को सरकार ने चारों को निलंबित कर दिया था। सरकार ने 7 जून को शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बनाया था। इसके बाद कोर्ट से स्टे लेकर सौम्या गुर्जर ने फिर से महापौर के पद पर कार्यभार संभाल लिया था।