मिलिट्री लीडर जनरल बनें पीएम: म्यांमार मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग ​हलिंग ने खुद का बनाया प्रधानमंत्री, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव माहौल बनाने के पक्षधर हलिंग

आखिरकार म्यांमार के सेना प्रमुख  जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद हलिंग ने कहा कि 2023 में आपातकाल खत्म कर दिया जाएगा और आम चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे में मैं मौजूदा संकट के पॉलिटिकल हल के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ सहयोग को तैयार हूं।

म्यांमार मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग ​हलिंग ने खुद का बनाया प्रधानमंत्री, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव माहौल बनाने के पक्षधर हलिंग

नई दिल्ली।
आखिरकार म्यांमार(Myanmar) के सेना प्रमुख  जनरल मिन आंग हलिंग(General Min Aung Huling) ने खुद को देश का प्रधानमंत्री(Primeminister) घोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद हलिंग ने कहा कि 2023 में आपातकाल(Emergency) खत्म कर दिया जाएगा और आम चुनाव (Election)कराए जाएंगे। ऐसे में मैं मौजूदा संकट के पॉलिटिकल(Political) हल के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई (Southeast Asian) देशों के साथ सहयोग को तैयार हूं। टेलीविजन पर दिए अपने संदेश में जनरल हलिंग ने कहा कि हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का माहौल बनाना होगा। हमें इसकी तैयारी में जुट जाना है। मैं बहुदलीय चुनाव कराने का वादा करता हूं। आपको बता दें कि म्यांमार (Myanmar) में सेना ने इसी साल एक फरवरी की आधी रात तख्तापलट कर दिया था। वहां की लोकप्रिय नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi)और राष्ट्रपति विन मिंट(President Win Myint) समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही पूरे देश में सेना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन (protest against army) चल रहे हैं। इस दौरान हुए खूनी संघर्ष में अब तक 940 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं। पिछले साल नवंबर में म्यांमार में आम चुनाव हुए थे। इनमें आंग सान सू की पार्टी ने दोनों सदनों में 396 सीटें जीती थीं। उनकी पार्टी ने लोअर हाउस (lower house) की 330 में से 258 और अपर हाउस(Upper house) की 168 में से 138 सीटें जीतीं। म्यांमार के मुख्य विपक्षी दल यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (Union Solidarity and Development Party)ने दोनों सदनों में मात्र 33 सीटें ही जीतीं। इस पार्टी को सेना का समर्थन हासिल था। इसके नेता थान हिते हैं, जो सेना में ब्रिगेडियर जनरल रह चुके हैं। नतीजे आने के बाद वहां की सेना ने इस पर सवाल खड़े कर दिए। सेना ने चुनाव में सू की की पार्टी पर धांधली करने का आरोप लगाया। इसे लेकर सेना ने कोर्ट में राष्ट्रपति और चुनाव आयोग की शिकायत भी की। चुनाव नतीजों के बाद से ही लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार (Government)और वहां की सेना(Army) के बीच मतभेद शुरू हो गया। अब म्यांमार की सत्ता पूरी तरह से सेना के हाथों में है। तख्तापलट के बाद वहां सेना ने 2 साल के लिए इमरजेंसी का भी ऐलान कर दिया है। तख्तापलट के बाद सैन्य शासन ने सू की के ऊपर कई तरह के आरोप लगाए हैं। अवैध रूप से वॉकी-टॉकी रेडियो (walkie-talkie radio)रखने और कोरोना वायरस प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप में उनके खिलाफ फिर से कोर्ट का ट्रायल चलने वाला है। माना जा रहा है कि मिलिट्री सू की(Suu Kyi) को कई मामलों में फंसाकर राजनीति से दूर करना चाहती है।

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