विधायक लोढ़ा का शायराना अंदाज में तंज: सिरोही विधायक संयम लोढ़ा का सोशल मीडिया पर एक बार फिर शायराना तंज, गुनहगार को इस कदर गले लगा के माफ किया उसने, कि बेगुनाह भी चिल्ला उठे हम भी गुनाहगार हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर शायराना अंदाज में चार पक्तियां लिख दी। इन चार पक्तियों के लिखने के साथ ही सियासी गलियारों में फिर से हलचल शुरू हो गई।
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर शायराना अंदाज में चार पक्तियां लिख दी। इन चार पक्तियों के लिखने के साथ ही सियासी गलियारों में फिर से हलचल शुरू हो गई। लोढ़ा की इस शायरी का सियासी मायने निकाले जा रहे है। पिछले दिनों लोढ़ा ने जहां मुख्यमंत्री को टैग कर शायरी लिखी थी, वहीं इस बार कांग्रेस के आला पदाधिकारियों को लोढ़ा ने टैग कर अपना अंदाज बयां किया।
संयम लोढ़ा इन दिनों सोशल मीडिया पर कांग्रेस संगठन को खरी-खरी सुना रहे हैं। लोढ़ा ने आज सोशल मीडिया पर लिखा- गुनहगार को इस कदर गले लगा के माफ किया उसने, कि बेगुनाह भी चिल्ला उठे हम भी गुनाहगार हैं। इसे सचिन पायलट पर तंज माना जा रहा है। संयम लोढ़ा से जब इस पोस्ट के सियासी मायनों और निशाने की तरफ पूछा तो उन्होंने कहा- निशाना किस पर इसका फैसला पाठक करेंगे, इसके अलावा कोई टिप्पणी नहीं। इस बार लोढ़ा ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अजय माकन, सुरजेवाला, वेणुगोपल और अविनाश पांडे को टैग किया है।
दरअसल, पायलट खेमे की बगावत के समय संयम लोढ़ा ने गहलोत सरकार के पक्ष में लंबे समय तक बयानबाजी का मोर्चा संभाले रखा था। बाड़ेबंदी में भी लोढ़ा पूरे समय साथ रहे। लोढ़ा निर्दलीय विधायक भले हों लेकिन उन्होंने शिवगंज में कांग्रेस कार्यालय बनावाया है। विधानसभा में भी लगातार गहलोत सरकार का बचाव करते हैं। पिछले महीने भर से संयम लोढ़ा खुलकर तो नहीं लेकिन इशारों में सीएम गहलोत को नसीहत देने के साथ सचिन पायलट खेमे पर निशाना साधते रहते हैं। सचिन पायलट को उपचुनावों में पहले की तरह ही तवज्जो दी गई है। बताया जाता है कि पायलट खेमे को तवज्जो मिलने से नाराज होकर ही लोढ़ा ने सोशल मीडिया पोस्ट कर निशाना साधा है।
सांप जब तक आस्तीनों के न मारे जाएंगे...
संयम लोढ़ा ने इससे पूर्व भी सोशल मीडिया पर सरकार से बागियों पर तंज कसा था। 25 मार्च को सोशल मीडिया पर सीएम गहलोत को टैग करते हुए लिखा था- सांप जब तक आस्तीनों के न मारे जाएंगे, हौसला कितना भी हो, जंग हारे जाएंगे...। यह इशारा सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को किया गया था। इस नसीहत में आस्तीन के सांप किसे बताया है यह तो भी खुलकर नहीं बताया लेकिन इशारा पायलट समर्थक बागी विधायकों की तरफ था। संयम लोढ़ा ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एससी एसटी के मंत्रियों को कम महत्व के विभाग देने पर सवाल उठाते हुए सरकार और कांग्रेस को खरी-खरी सुनाई थी। लोढ़ा ने चेताया था कि एससी-एसटी को सही भागीदारी नहीं दी और कोर वोट बैंक की अनदेखी की तो कांग्रेस की हालत दिल्ली जैसी हो जाएगी।
इशारा किसकी तरफ?
लोढ़ा का इशारा पार्टी के भीतर मौजूद असंतुष्ट विधायकों की तरफ माना जा रहा है। लोढ़ा ने खुलकर किसी का नाम लेने की जगह इशारों में संकेत दिए हैं। संयम लोढ़ा खुद भी मंत्री पद या सरकार में भागीदारी के दावेदार हैं, लेकिन लगातार हो रही देरी से अब उनका मन भी उचट रहा है।
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