रामसीन में भारी पेयजल संकट: भीनमाल में नर्मदा जल में देरी से नाराज कांग्रेस नेता श्रवण सिंह राठौड़ कलेक्टर से मिले, सत्याग्रह की चेतावनी
राठौड़ ने कहा कि जलदाय विभाग की लापरवाही की वजह से राज्य के पिछले बजट में भीनमाल में पेयजल के लिए स्वीकृत 50 करोड़ रुपये में से अभी तक धरातल पर एक रुपये का काम शुरू नहीं हुआ है।

- कलेक्टर से नर्मदा प्रोजेक्ट का मौके पर जाकर निरीक्षण कर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग\
- राज्य के पिछले बजट में पेयजल के लिए मिले 50 करोड़ रुपये का अभी तक उपयोग नहीं।
- जलदाय विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग।
भीनमाल/ जालोर | भीनमाल - रामसीन में भारी पेयजल संकट के बाद भी नर्मदा का पानी लाने में हो रही देरी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेस नेता श्रवण सिंह राठौड़ ने जालोर कलेक्टर निशांत जैन से मुलाकात कर जनता की नाराजगी से अवगत कराया।
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ठौड़ ने आरोप लगाया कि नर्मदा प्रोजेक्ट के अधिकारी ढिलाई, लापरवाही और कमीशन के लालच में पानी सप्लाई के अति आवश्यक काम को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।
राठौड़ ने कहा कि जलदाय विभाग की लापरवाही की वजह से राज्य के पिछले बजट में भीनमाल में पेयजल के लिए स्वीकृत 50 करोड़ रुपये में से अभी तक धरातल पर एक रुपये का काम शुरू नहीं हुआ है।
कलेक्टर निशांत जैन को मांग पत्र देकर राठौड़ ने चेताया कि समय पर पानी नहीं पहुंचा तो पानी के मुद्दे पर वो गांधीवादी तरीके सत्याग्रह आंदोलन करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेस के युवा नेता श्रवण सिंह राठौड़ ने कलेक्टोरेट में करीब आधे घंटे तक कलेक्टर निशांत जैन से नर्मदा पेयजल योजना में हो रही देरी को लेकर वार्ता की।
राठौड़ ने जलदाय विभाग के अधिकारियों के खिलाफ बजट की राशि का उपयोग नहीं करने को लेकर राज्य सरकार से कार्यवाही की मांग की हैं। कांग्रेस नेता श्रवण राठौड़ कलेक्टर निशांत जैन से आग्रह किया कि वो नर्मदा प्रोजेक्ट में चल रहे कामों का एक बार मौके पर जाकर निरीक्षण करें।
उसके बाद पेयजल सप्लाई में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारी - कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। कांग्रेस नेता श्रवण राठौड़ की ओर से दिए गए मांग पत्र में कहा कि भीनमाल शहर, ग्रामीण इलाकों और रामसीन कस्बें में सात दिन में एक बार पानी मिल रहा है।
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पेयजल का भारी संकट बना हुआ है। खास तौर से भीनमाल शहर, आसपास के गांवों जैसे बोरटा, भगलसेफ्टा, दासपां, कोरा, नवापुरा चौपावतान, कावतरा, जुंजाणी, मीरपुरा, नरता, कुशलपुरा, सेरणा, धानसा, मोदरान समेत करीब 39 गांव और रामसीन कस्बे में पानी का भारी संकट बना हुआ है।
2021 के बजट में 50 करोड़ मिले, अभी तक काम शुरू नहीं
मांग पत्र में लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने पिछले बजट में भीनमाल शहर में पेयजल सप्लाई को लेकर 50 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था। इस बजट से भीनमाल शहर में नर्मदा का पानी आने पर सप्लाई को लेकर 8- 10 टंकियां बनाने और नई पाइप लाइन बिछाने का काम होना है। ताज्जुब इस बात का है कि वित्तिय स्वीकृति मिलने के बाद भी आज दिनांक तक धरातल पर कोई काम शुरु नहीं हुआ है।
कलेक्टर ने किया था वादा, मौके पर काम अधूरा
मांग पत्र में राठौड़ ने कहा कि भीनमाल शहर में नर्मदा संघर्ष समिति के बैनर तले लम्बा आंदोलन चला। बाद में प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर जाकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पुखराज पाराशर के साथ मुख्य सचिव महोदय, मुख्यमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव राजन विशाल और स्पेशल प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर से मुलाकात कर अलग अलग वार्ता की।
तब नर्मदा प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि जल्दी ही भीनमाल को पानी मिल जाएगा। इसके बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर ने भीनमाल में आंदोलकारियों से विकास भवन में मिलकर आश्वस्त किया कि मार्च - अप्रैल तक पानी आ जायेगा। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय के दखल के बाद काम में तेजी आई।
गम्भीरता तब जलदाय विभाग के सचिव पृथ्वीराज सांखला दो दिन के दौरे पर सांचोर आये और समीक्षा बैठक भी ली। काम में तेजी आई। हालांकि अभी अधूरे काम की वजह से पानी में देरी हो रही है। वादा समय पर पूरा होता नहीं दिख रहा। राठौड़ के मुताबिक कलेक्टर ने पूरी बात ध्यान से सुनी और आश्वस्त किया कि वो भीनमाल की जनता को समय पर पानी मिल जाये, इसके लिए हर सम्भव कोशिश करेंगे।
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