India @ जीआई टैग मिठाई विदेशों में : भारत के पश्चिम बंगाल की जीआई टैग मिठाई मिहिदाना की पहली खेप हुई बहरीन में निर्यात, अलजजीरा ग्रुप ने आयात की मिठाई

स्वदेशी तथा भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के एक प्रयत्न के रूप में पश्चिम बंगाल के बर्धमान से सोर्स की गई मिठाई मिहिदाना की पहली खेप बहरीन निर्यात कर दी गई है।अनूठी मिठाई मिहिदाना की किस्त कोलकाता की एपीडा पंजीकृत मेसर्स डीएम एंटरप्राइजेज द्वारा निर्यात तथा बहरीन के अलजजीरा ग्रुप द्वारा आयात की

भारत के पश्चिम बंगाल की जीआई टैग मिठाई मिहिदाना की पहली खेप हुई बहरीन में निर्यात, अलजजीरा ग्रुप ने आयात की मिठाई

नई दिल्ली, एजेंसी। 
स्वदेशी तथा भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के एक प्रयत्न के रूप में पश्चिम बंगाल के बर्धमान से सोर्स की गई मिठाई मिहिदाना(Mihidana) की पहली खेप बहरीन निर्यात कर दी गई है। अनूठी मिठाई मिहिदाना की किस्त कोलकाता की एपीडा पंजीकृत मेसर्स डीएम एंटरप्राइजेज(DM Enterprises) द्वारा निर्यात तथा बहरीन के अलजजीरा ग्रुप द्वारा आयात की गई। पश्चिम बंगाल(West Bengal) की इस मिठाई का प्रदर्शन बहरीन में अलजजीरा सुपर स्टोर्स में उपभोक्ताओं के समक्ष (इसका स्वाद लेने के उद्देश्य से भी उपलब्ध कराया गया) किया जा रहा है। इस अनूठी मिठाई की और अधिक खेप आगामी दीवाली त्योहार के दौरान निर्यात की जाएंगी। 
जीआई टैग वाले उत्पादों में जयनगर मोआ
जनवरी 2021 में जयनगर मोआ की एक खेप कोलकाता की एपीडा पंजीकृत मेसर्स डीएम एंटरप्राइजेज द्वारा निर्यात की गई थी। एपीडा देश से कम ज्ञात, स्वदेशी तथा जीआई टैग वाले खाद्य उत्पादों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता रहा है। हाल ही में पश्चिम बंगाल के जयनगर में पोप्ड-राइस बॉल तथा ताजे खजूर के गुड़ से तैयार एक सदी पुराने मीठे पकवान-जयनगर मोआ की ऐतिहासिक विरासत का समारोह मनाने के लिए इंडिया पोस्ट(India Post) ने एपीडा के सहयोग से एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया लिफाफा जारी किया था। अगस्त, 2021 में इंडिया पोस्ट ने पश्चिम बंगाल के मीठे पकवानों मिहिदाना और सीताभोग पर एक विशेष कवर जारी किया था। पश्चिम बंगाल के बर्धमान को 2017 में एक सदी पुराने मीठे पकवानों के लिए जीआई टैग प्राप्त हुआ था। 
जीआई टैग भौगोलिक मूल का प्रतिक
जीआई टैग एक विशिष्ट भौगोलिक मूल को उल्लेखित करने वाला एक प्रतीक है और इसमें वैसी गुणवत्ता होती है या उस मूल के कारण वह विख्यात होता है। जीआई एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) होता है जो आईपीआर के अन्य रूपों से भिन्न होता है क्योंकि यह एक विशेष रूप से निर्धारित स्थान में समुदाय की विशिष्टता को श्रेय देता है, बजाये किसी व्यक्ति विशेष के जैसा की ट्रेडमार्क या पैटेंटों के मामले में होता है। जीआई टैग कृषि संबंधी, प्राकृतिक या विनिर्मित्त वस्तुओं के लिए जारी किया जा सकता है जिनमें अनूठे गुण, ख्याति या इसके भौगोलिक उद्भव के कारण जुड़ी अन्य लक्षणगत विशेषताएं होती हैं। दार्जिलिंग चाय, बासमती चावल, कांचीपुरम सिल्क, मैसूर सिल्‍क,हैदराबादी हलीम, नगालैंड मिर्च उत्पाद, आदि जीआई टैग के साथ बेचे जाते हैं जिनके प्रीमियम मूल्य होते हैं। एपीडा भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात मानचित्र में अनूठे और जीआई प्रमाणित उत्पादों को लाने के लिए प्रमोशन संबंधी गतिविधियां आयोजित करता रहा है। एपीडा सभी राज्यों में पैक हाउसों की स्थापना के लिए सहायता उपलब्ध कराता है जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में ताजे फल और सब्जियों के निर्यात के लिए अनिवार्य अपेक्षाओं या अवसंरचना की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

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