खासियत कर देगी हैरान: फुटबॉल के दो मैदान के बराबर है भारत का पहला स्वदेशी युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रांत’, पीएम मोदी आज सौंपेंगे नौसेना को
भारत की शक्ति में आज एक और इजाफा होने जा रहा है। जिसने दुश्मन देशों खासतौर से पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ा दी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) भारतीय नौसेना को सौंपने जा रहे हैं।
नई दिल्ली | INS Vikrant: भारत की शक्ति में आज एक और इजाफा होने जा रहा है। जिसने दुश्मन देशों खासतौर से पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ा दी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) भारतीय नौसेना को सौंपने जा रहे हैं। पीएम मोदी शुक्रवार सुबह कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड कोच्चि में यह युद्धपोत भारतीय नौसेना को सौंपेंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी नौसेना के नए पताका (निशान) का भी अनावरण करेंगे। इस उपलब्धि के बाद भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी विमानवाहक पोत के डिजाइन और निर्माण की क्षमता है।
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#WATCH स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर IAC विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है इसका नाम 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जो पूरी तरह से तैयार है।#INSVikrant
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2022
(सोर्स: नौसेना) pic.twitter.com/9d93ooT2f7
आइए जानते हैं भारत के स्वदेशी युद्धपोत INS Vikrant की खास विशेषताएं...
- आईएनएस विक्रांत की लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है। यह कहा जा सकता है कि, यह फुटबॉल के दो मैदान के बराबर है।
- आईएनएस विक्रांत को 2009 में बनाना शुरू किया गया था और अब 13 साल बाद ये नौसेना को मिलने जा रहा है।
- आईएनएस विक्रांत का वजन 45000 टन है।
- इसके निर्माण में विश्व के अजूबे एफिल टावर के वजन से भी चार गुना ज्यादा लोहा और स्टील लगा है।
- आईएनएस विक्रांत में 2400 किमी केबल लगी है। जिसे नापा जाए तो ये कोच्चि से दिल्ली तक पहुंच सकती है।
- आईएनएस विक्रांत में 2300 कंपार्टमेंट के साथ 14 डेक हैं जो करीब 1500 जवानों को एक साथ ले जा सकती है।
- सैनिकों के भोजन के लिए इसकी रसोई में लगभग 10,000 रोटियां बनाई जा सकती हैं।
- इसमें 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनें लगी हैं।
- आईएनएस की गति 28 (नौट) समुद्री मील है।
- यह 20,000 करोड़ की लागत से बना है।
- आईएनएस विक्रांत में स्वदेशी युद्धपोत में 76 प्रतिशत स्वदेशी उपकरण लगे हैं।
- इस पर 450 किमी मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल तैनात रहेगी।
- आईएनएस विक्रांत में एक साथ 30 लडाकू विमान खड़े हो सकते हैं। इसके अलावा इससे मिग 29के फाइटर जेट भी उड़ान भर सकते हैं।
- इस पर से 20 हेलिकॉप्टर भी उड़ान भर सकते हैं।
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