राजस्थान गर्मी के मौसम में पेयजल समस्या: गर्मियों में पेयजल प्रबंधन को लेकर पीएचईडी के फील्ड अधिकारियों को राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग के निर्देश
एसीएस ने कहा कि अधिकारी फील्ड में पूरी तरह एक्टिव रहे, लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए उन पर समय पर आवश्यक कार्यवाही करें। वरिष्ठ अधिकारी अपने रीजन एवं जिलों में तैनात इंजीनियर्स के कार्यों पर वॉच रखते हुए नहरबंदी और गर्मियों के दिनों में विभागीय दायित्व का पूरी शिद्दत से निर्वहन करें।
जयपुर।
राजस्थान में गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए जलदाय विभाग भी तैयारी कर रहा है।
प्रदेश के दस जिलों में नहर बंदी के मद्देनजर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के सभी फील्ड अधिकारियों को पेयजल प्रबंधन के कार्यों की राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जलदाय विभाग के सभी अधिकारियों को पेयजल सप्लाई के समय फील्ड विजिट, टैंकरों के माध्यम से जल परिवहन की पारदर्शिता के साथ पुख्ता व्यवस्था, परियोजनाओं के कार्यों का नियमित निरीक्षण और निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार फील्ड में रात्रि विश्राम करने को पाबंद किया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गत दिनों समीक्षा बैठकों में प्रदेश में गर्मियों में पेयजल के समुचित प्रबंधन के निर्देशों की पालना के संबंध में गुरुवार को पीएचईडी की राज्य स्तरीय वीसी में अधिकारियों को इस बारे में विशेष हिदायत दी गई।
वीसी में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने कहा कि जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी द्वारा प्रदेश में पेयजल व्यवस्था से सम्बंधित कार्यों, कंटीजेंसी प्लान और आमजन की शिकायतों के तत्परता से निराकरण के बारे में नियमित रिपोर्ट लेकर समीक्षा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने मुख्यालय पर रहते हुए जिला प्रशासन के साथ पूर्ण समन्वय से गर्मियों में प्रदेश के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू पेयजल आपूर्ति के मिशन में जुट जाए।
जलदाय मंत्री डॉ. जोशी ने पेयजल व्यवस्था के कार्यों में कहीं से भी किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही की शिकायत मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
वीसी में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जेजेएम एवं विभागीय परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने के लिए जिलों में जेईएन (कनिष्ठ अभियंता) से लेकर एसई (अधीक्षण अभियंता) और क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रभारी एसीई (अतिरिक्त मुख्य अभियंता) के लिए मॉनिटरिंग मैकेनिज्म बनाया हुआ है। गर्मियों के पूरे सीजन में इसी आधार पर सभी अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था पर विशेष तौर पर फोकस करना होगा।
एसीएस ने कहा कि अधिकारी फील्ड में पूरी तरह एक्टिव रहे, लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए उन पर समय पर आवश्यक कार्यवाही करें।
वरिष्ठ अधिकारी अपने रीजन एवं जिलों में तैनात इंजीनियर्स के कार्यों पर वॉच रखते हुए नहरबंदी और गर्मियों के दिनों में विभागीय दायित्व का पूरी शिद्दत से निर्वहन करें।
उन्होंने कहा कि जिलों में विधानसभा वार जिन ट्यूबवेल और हैंडपम्प की स्वीकृतियां जारी हो चुकी है, उनकी समय पर कमिश्निंग के कार्य को गम्भीरता से संपादित करें, जिससे लोगों को उनका समय पर फायदा मिलें।
वीसी में बताया गया कि पाली जिले में आगामी दिनों में जोधपुर में भगत की कोठी से रेल के माध्यम से जल परिवहन करने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है।
जोधपुर एवं पाली के रेलवे स्टेशनों पर हाईड्रेंट स्थापित करने सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए डीआरएम और जिला प्रशासन के अधिकारियों से निरंतर समन्वय बना हुआ है।
रेलवे द्वारा 40-40 डिब्बों की दो रैंक जल परिवहन के लिए देने की सहमति दी गई है। प्रदेश के अन्य विशेष आवश्यकता वाले क्षेत्रों में लोगों की अतिरिक्त मांग के अनुसार टैंकरों से जल परिवहन किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसमें आवश्यकतानुसार बढ़ोतरी की जाएगी।
वीसी में अधिकारियों को सभी जिलों में गर्मियों के लिए स्थापित नियंत्रण कक्षों के प्रभावी संचालन के लिए इसमें नियुक्त अधिकारियों एवं कार्मिकों की सभी पारियों में 24 घंटे उपस्थिति सुनिश्चित कर जनता के पेयजल आपूर्ति से सम्बंधित प्रकरणों का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश दिए गए।
इस दौरान जल जीवन मिशन की प्रगति, पेयजल परियोजनाओं के कार्यों का ‘क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्यूअल‘ के प्रावधानों के अनुरूप निरीक्षण, जिलों में तकनीकी एवं अधीनस्थ स्टाफ की डीपीसी, हैंडपम्प रिपेयरिंग अभियान की प्रगति, पेयजल योजनाओं के बकाया विद्युत कनेक्शन सहित अन्य विभागीय कार्यों और गतिविधियों की भी विस्तृत समीक्षा की गई।
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