शक के घेरे में पाली पुलिस: ओमप्रकाश टाइगर की हकीकत : यह चौथा मामला जिसमें मारपीट से मौत, फिर भी अफसर मेहरबान क्यों है

पाली पुलिस के जवान नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि ओमप्रकाश उर्फ टाइगर अक्सर अपने आपको पुलिस महानिदेशक का रिश्तेदार बताता है और पाली के अफसर मौन भी रहते हैं। ओमप्रकाश को अच्छी पोस्टिंग का दबाव अक्सर जयपुर से रहता है।

ओमप्रकाश टाइगर की हकीकत : यह चौथा मामला जिसमें मारपीट से मौत, फिर भी अफसर मेहरबान क्यों है

जयपुर | पुलिस हिरासत में मासूमों पीटने और उनकी मौतों की वजह के लिए कुख्यात पाली ​के पुलिसकर्मी ओमप्रकाश उर्फ टाइगर पर एक और युवक की हत्या का आरोप लगा है। परन्तु कई मुकदमों के बावजूद अफसरों की मेहरबानी से प्रमोशन पाने वाले इस कार्मिक पर केवल साधारण मारपीट का मामला दर्ज कर पुलिस ने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है।

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मृतक के परिवार पर जातीय आधार पर राजीनामे में कुछ नेता जुट भी गए हैं। परिजनों ने अपनी रिपोर्ट में युवक के साथ हिरासत में मारपीट की वजह भी जातीय द्वेषता बताई है। आपको जानकर हैरत होगी कि अब तक हिरासत में चार मौतों के मामले में और मारपीट के कई मामलों में इस कार्मिक का नाम आ चुका है। परन्तु जिम्मेदार न केवल लगातार आंखें मूंदे हैं बल्कि नियमों को ताक में रखकर गैलेंट्री प्रमोशन भी दे चुके हैं।

पाली पुलिस के जवान नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि ओमप्रकाश उर्फ टाइगर अक्सर अपने आपको पुलिस महानिदेशक का रिश्तेदार बताता है और पाली के अफसर मौन भी रहते हैं। ओमप्रकाश को अच्छी पोस्टिंग का दबाव अक्सर जयपुर से रहता है। आपको बता दें कि पाली शहर में करीब 11 साल पहले एक दलित युवक राहुल वाल्मीकि की हत्या के मामले में भी कांस्टेबल ओमप्रकाश चौधरी का नाम आया था। परन्तु कई बड़े अफसरों का खास होने के कारण थाना प्रभारी स्तर के अफसरों को तो इसे टाइगर कहना पड़ता है। एक रावत युवक के साथ मारपीट के बाद मौत और एक महिला से थाने में मारपीट में भी इसका नाम आया। यही नहीं ऐसे कई मामले हैं, जिसमें अफसरों ने इसे लगातार बचाया है। कहते हैं पाली में ओमप्रकाश के खास रहे कई अफसरों की मेहरबानी रही कि मुकदमे दर्ज होने के बावजूद उसे प्रमोशन मिला। 

ओमप्रकाश के प्रमुख मामले
— जोधपुर ग्रामीण में रहते हुए गिरफ्तारी वारंट के आरोपी को लाते वक्त मारपीट की। आरोपी बचने के लिए भागा तो ट्रक से कुचल गया
— तखतगढ़ थाना क्षेत्र में लाटाड़ा चौकी पर मारपीट का मामला
— गुड़ा एंदला थाने में युवक राहुल वाल्मीकि की हत्या का मामला
— ट्रांसपोर्ट नगर थाने में रावत समाज के युवक की मारपीट के बाद मौत का मामला
— सदर थाने के सांकड़ावास गांव में झूठे मुकदमे कर अशोकसिंह चारण कई लोगों को फंसाने का प्रकरण
— इसके अलावा भी गुंदोज, टैगोर नगर समेत कई इलाकों के प्रकरणों में ओमप्रकाश का नाम आता है।

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