कालंद्री में संस्था प्रधानों की वाकपीठ: कालंद्री के स्वतंत्रता सेनानियों का स्वाधीनता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान- संयम लोढा

कालंद्री के स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजो के खिलाफ लडाई में अपनी अहम भूमिका निभाई है। हमे हमारे बच्चो को व्याख्यान के माध्यम से इसकी जानकारी देनी चाहिए। यह बात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री सलाहकार विधायक संयम लोढा ने कही।

कालंद्री के स्वतंत्रता सेनानियों का स्वाधीनता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान- संयम लोढा

सिरोही | आजादी के 75 वर्ष पूरे हो गये है। आज की नई पीढी को स्वाधीनता के बारे में इतना पता नही है। हम जहां वाकपीठ कर रहे है उस कालंद्री गांव का स्वाधीनता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान है। कालंद्री के स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजो के खिलाफ लडाई में अपनी अहम भूमिका निभाई है। हमे हमारे बच्चो को व्याख्यान के माध्यम से इसकी जानकारी देनी चाहिए। यह बात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री सलाहकार विधायक संयम लोढा ने कही।

विधायक संयम लोढा ने कहां कि वाकपीठ में फीट इंडिया मूमेंट का उल्लेख है। भारत के 52 फीसदी बच्चे कोई खेल नही खेलते है। जिले में भी अनेक उच्च माध्यमिक विद्यालय व माध्यमिक विद्यालय है जिनमें विद्यार्थी खेल प्रतियोगिता में भा नही लेते है। शिक्षकों से कहां कि हमे हमारे बच्चो को खेल का महत्व बताना है। आज के समय में खेल अत्यधिक आवश्यक है। खेलने वाला बच्चा रोज हारता है और रोज जितने की तैयारी शुरू कर देता है। अनेक बच्चे अच्छे नंबर नही आने पर हताश हो जाते है और गलत मार्ग अपना लेते है लेकिन खेलना वाला बच्चा कभी हताश नही होता है। इसलिए हमे बच्चो को खेल में आगे बढाना चाहिए।

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विधायक संयम लोढा ने शिक्षा के बढते कदम प्रभावी क्रियान्विति विषय पर कहां कि आज हर ग्राम पंचायत में शिक्षा की बेहत्तर स्थिति है। प्रत्येक पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय तक बच्चे शिक्षा ले रहे है। राज्य सरकार ने सिरोही में अनेको कॉलेज खोलकर शिक्षा की स्थिति में सुधार किया है। शिक्षक भी मेहनत कर बच्चो में पढाई के प्रति रूचि जागृत करे। बच्चे एक कोरा कागज होते है शिक्षक चाहे जैसी इबारत उस पर लिख सकते है। लोढा ने कहां कि कोविड काल में छात्रों के हुए शिक्षण लोस को इस कार्यक्रम के माध्यम से पुनरू एट द ग्रेड पर लाकर शिक्षा से जोडे। शिक्षा विभाग द्वारा आवंटित किये गए उपचारात्मक शिक्षण जो प्रथम कालांश से चतुर्थ कालांश तक सप्ताह में पांच दिवस किया जाना है। इसको सफल बनाने में संस्था प्रधान की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोढा ने संस्था प्रधानों से सजग एवं जागरूक रहकर विद्यालयों में अध्यनत छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास करने की बात कही। इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हीरालाल माली ने संस्था प्रधान वाकपीठ की जरूरत क्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में पूर्व पीसीसी सदस्य हिम्मत भाई सुथार, बरलूट सरपंच भंवरलाल माली, एसीबीओ आनंदराज आर्य, दीपक गहलोत, विद्यालय के संस्था प्रधान कनीराम संत, वार्ताकार ब्लॉक आरपी कमलेश ओझा, विक्रम सिंह सहित 81 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के संस्था प्रधान उपस्थित रहे।

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