बेस्ट स्टूडेंट से बेस्ट विधायक तक लोढ़ा: वर्ष 2020 के सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार से सम्मानित किया संयम लोढ़ा को

लोढ़ा ने आज से 41 वर्ष पहले 1979-80 मे हाई स्कूल, 1981-84 मे एसपीयू कालेज फालना, 1985-87 मे जोधपुर विश्वविद्यालय से बेस्ट ओरेटर (वक्ता) का खिताब हासिल किया था। इस परम्परा को इन्होंने जारी रखते हुए राजस्थान विधानसभा में वर्ष 2020 के सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवॉर्ड प्राप्त करने तक अपनी प्रतिभा को पहुंचाया।

वर्ष 2020 के सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार से सम्मानित किया संयम लोढ़ा को

सिरोही/जयपुर | प्रतिभा को उभरने के अवसर मिले तो प्रतिभा जरूर उभर कर बाहर आती है। जब व्यक्ति समर्पित भाव, प्रमाणिकता एवं पूरी तैयारियों के साथ अपनी बात सटीक रूप से रखता है। तब प्रतिभा का प्रभावी रूप सामने आता है और समाज उसे पुरस्कारों से नवाजता है। 

सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा ने आज से 41 वर्ष पहले 1979-80 मे हाई स्कूल, 1981-84 मे एसपीयू कालेज फालना, 1985-87 मे जोधपुर विश्वविद्यालय से बेस्ट ओरेटर (वक्ता) का खिताब हासिल किया था। इस परम्परा को इन्होंने जारी रखते हुए राजस्थान विधानसभा में वर्ष 2020 के सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवॉर्ड प्राप्त करने तक अपनी प्रतिभा को पहुंचाया।

राजस्थान विधानसभा राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के तत्वाधान में संसदीय लोकतंत्र के उन्नयन में राज्यपाल एवं विधायकों की भूमिका पर कार्यक्रम तथा सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार समारोह में राज्यपाल पश्चिमी बंगाल जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया एवं संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने सिरोही विधायक संयम लोढ़ा को 2020 सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से नवाजा गया। विधायक लोढ़ा को पुष्पगुच्छ, शॉल, स्मृति चिह्न एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।

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राजस्थान के सिरोही जिले के प्रमुख व्यावसायिक नगरी ‘शिवगंज’ मे नगर सेठ स्व. प्रकाशराज लोढा के सुपुत्र संयम लोढ़ा का जन्म 20 जनवरी 1966 को हुआ। इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा शिवगंज में ली। कालेज शिक्षा फालना से की। साथ ही विधि की डिग्री जोधपुर विश्वविद्यालय से ली। 1987 में एनएसयूआई मे सुयंक्त सचिव के रूप में प्रवेश किया और कड़ी मेहनत कर इस मुकाम तक पहुंचे।

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उनका यहां से राजनीति में कद लगातार बढ़ता ही चला गया। वे 1988 में एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव, 1990 में जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, 1992 में प्रदेश महासचिव यूथ कांग्रेस, 1995 में प्रदेश उपाध्यक्ष, 1997 मे पीसीसी सदस्य, 2005 में एआईसीसी सदस्य, 2008 व 2013 में वे चुनाव घोषणा पत्र समिति के सदस्य बने इसके बाद 1999 में पीसीसी के सचिव व 2010 मे कांग्रेस राज्य परिषद के सदस्य बने। 

पिछड़ों के लिए समर्पित
संयम लोढ़ा के दिल मे पिछड़ों, शोषित व उपेक्षित वर्गों के बीच मे रहकर उनकी समस्याओं को जानने व उन्हें दूर करने के लिए हमेशा रुचि रही। शिवगंज में ‘श्यामा हत्याकांड’ को लेकर उन्होंने जिस तरह समाज को जगाया व सड़कों पर उतारा और हत्यारों को पकड़वाया। उस दिन से ही यह लग रहा था कि ये युवा बहुत आगे बढ़ेगा। लगातार जनता के बीच में रहकर जनता की आवाज, समस्या एवं उन पर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध वे लड़ते रहे और जनता उनके साथ खड़ी होती रही। यही वजह रही कि वे तीसरी बार निर्दलीय चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे।

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संयम लोढ़ा एक ऐसा व्यक्तित्व है जो हर विषय की जानकारी, तर्क, उसके सामाजिक, राजनैतिक व कानूनी पहलुओं पर पूरे अध्ययन के बाद ही विषयवस्तु को उठाते हैं और प्रखरता से उभारते हैं। उनकी तार्किकता गजब है। यही नहीं वे पूरी समझदारी एवं उत्तरदायित्व के साथ वे उसका प्रस्तुतिकरण करते हैं। वे अपने विचार जब रखते हैं तो वे धाराप्रवाह सम्बोधन के साथ पूरे तथ्य रखते हैं। वे कभी मिथ्या भाषण भी नहीं करते। मां सरस्वती का उन पर शुरू से वदरहस्त होने से वे स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, सार्वजनिक सभाओ के साथ साथ हर सदन मे वे जब अपनी बात रखते हैं तो श्रोता गंभीरता से उनको सुनता हैं। यही कारण है कि उन्हें इस वाकचार्तुयता के कारण बड़े से बड़े स्तर पर अपनी बात रखने का अवसर मिलता है। इतनी कम आयु में उन्हें जन लेखा समिति, बीएसी, नियम समिति में सदस्य व सीपीए राजस्थान का सचिव बनने का अवसर मिला। हाल ही में उन्होंने युगांडा सम्मेलन में भी राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया।

तीसरी बार विधायक
संयम लोढ़ा को पहली बार 1998 से 2003 व 2003 से 2008 तक कांग्रेस पार्टी से सिरोही-शिवगंज का विधायक बनने का अवसर कांग्रेस से मिला। वर्तमान में भी वे इसी क्षेत्र से विधायक निर्दलीय हैं। मोहनलाल सुखाडिया विश्व विद्यालय के प्रबंधक बोर्ड मे भी काम करने का अवसर मिला। 

न्यायालयों में जनता के लिए लड़ी लड़ाई
संयम लोढ़ा एक जागरूक व सजग जन नेता होने के कारण उन्होंने जनता को राहत दिलाने के लिए हाईकोर्ट के भी दरवाजे खटखटाये। जनहित याचिका लगाकर वहां भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने मुख्यमंत्री सहायता कोष से बलात्कार की शिकार बालिकाओं को आर्थिक सहायता दिलाने की याचिका लगाकर 2007 मे राहत दिलाने का आदेश कोर्ट से दिलवाया। उन्होंने जवाईबांध से शिवगंज के लिए पानी रिजर्व करवाने के आदेश भी एक जनहित याचिका के माध्यम से पारित करवाया। उन्होंने एक ओर जनहित याचिका में फ्लोराइड के दूषित पानी से राहत दिलवाने की मांग इस 8 करोड़ 54 लाख का प्रावधान करवाया। उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका लगाकर सिरोही जिले में पेयजल की शुद्धता के लिए मशीनरी लगवाने का आदेश करवाया। शिवगंज के वाल्मिकी समाज के 27 सफाई कर्मचारियों को रोजगार दिलवाने के लिए भी उन्होंने कानूनी लडाई लड़ी। उनको रोजगार दिलवाया। 2015 में जनहित याचिका लगाकर सिरोही जिला चिकित्सालय में 27 चिकित्सक लगवाये थे।

बेस्ट एवार्ड पाये
संयम लोढा ने 1980-81 मे शिवगंज स्कुल मे ‘‘बेस्ट स्टुडेंट’’ का एवार्ड मिला। 1979-80 मे उन्हे स्कुल मे, 1981-84 मे कालेज मे, 1985-87 मे जोधपुर युनीवर्सिटी मे, 1986 मे जयपुर युनीवर्सिटी मे, 1987 मे मराठवाडा युनीवर्सिटी मे ‘‘बेस्ट ओरेटर’’ के एवार्ड से नवाजा गया।

लोढ़ा स्कूली शिक्षा के समय से ही कलम के धनी रहे। उन्होंने अपनी स्कूल पत्रिका का सम्पादन किया और आगे बढ़े तो उन्हें कॉलेज व विश्वविद्यालय की मैग्जीन के सम्पादक बनने का अवसर मिला।

पत्रकारिता 
संयम लोढ़ा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी काम कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होने सिरोही जिले से पत्रकारिता प्रारम्भ की ओर राजस्थान पत्रिका में रिर्पोटिंग भी की। बाद में वे राजस्थान पत्रिका जोधपुर मे उप सम्पादक बने। साथ ही लोढ़ा ने देश के अनेक समाचार पत्रों मे समसामायिक लेख लिखकर अपने विचार खुले रूप में रखे हैं। उन्होंने ‘‘जवाई संदेश ‘‘साप्ताहिक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया व सिरोही-पाली-जालोर जिले की जनसमस्याओं को प्रमुखता से रखा।

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