जालोर। जालोर का राजपुरा गांव एकाएक चर्चा में आ गया। चर्चा में इसलिए नहीं कि यहां एक संत ने आश्रम की जमीन व रास्ते के लिए सुसाइड कर लिया। बल्कि, इसलिए क्योंकि इस पूरे मामले में एक विधायक की भूमिका है। यह विधायक भाजपा से जीते पूराराम चौधरी हैं, जिनकी संत के आश्रम के पिछवाड़े जमीन है और कहा जा रहा है कि इसी जमीन से आश्रम के लिए रास्ता देने के विवाद में संत रविनाथ ने आत्महत्या की हैं। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। जबकि, सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मौके पर पहुंचकर प्रभावित पक्षों से बात कर चुका है। अब भाजपा ने भी इस मामले में प्रतिनिधिमंडल गठित किया हैं, जो मौके पर पहुंचकर इस मामले के तथ्य जुटाएगा। बड़ा सवाल यह है कि जब कांग्रेस और भाजपा को ही अपनी जांच करनी है तो फिर पुलिस व अन्य जांच एजेन्सियों की भूमिका क्या है? मामले में एक बड़ा पहलू यह भी है कि कांग्रेस नेता इस मामले में अपनी तहजीब तक भूल चुके हैं। कांग्रेस की ओर से बनाया गया जांच दल मौके पर पहुंचा, तब उनके साथ आए रानीवाड़ा के पूर्व विधायक रतन देवासी श्रद्धांजलि देने के लिए चप्पल तक उतारना भूल गए। यह इलाका चुनाव के समय भाजपा का गढ़ रहा हैं, ऐसे में कांग्रेस नेताओं की यह भूल आगामी दिनों में बड़ा मुद्दा बनकर कांग्रेस की जमीन खोखली कर सकता है।
राजपुरा गांव में हनुमान आश्रम के साधु रविनाथ महाराज (60) ने पिछले दिनों आश्रम में सुसाइड कर लिया था। इस मामले में भीनमाल विधायक सहित तीन लोगों के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से राजस्व मंत्री रामलाल जाट के नेतृत्व गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने घटनास्थल पर पहुंचकर तथ्य जुटाए हैं। इस दौरान तीन सदस्यों की कमेटी में शामिल जिला प्रभारी मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया व जिला कांग्रेस प्रभारी भूराराम सीरवी ने मौके पर मौजूद साधु संतों और ग्रामीणों से बातचीत की। इसके बाद तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपी है। साधु संतों और ग्रामीणों ने पीसीसी की ओर से गठित टीम के सामने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और विधायक सहित सभी आरोपियों की तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार करने की मांग की। राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने आश्रम में मौजूद साधु संतों और ग्रामीणों को संबोधित कर पूरे मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
अब इस मामले में भाजपा ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर संत आत्महत्या प्रकरण की तथ्यात्मक जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जो बुधवार को घटनास्थल का दौरा कर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेगी। जांच कमेटी में बीकानेर सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भाजपा विधायक दल के सचेतक जोगेश्वर गर्ग और पूर्व संसदीय सचिव जोगाराम पटेल को शामिल किया गया है। समिति के तीनों ही सदस्य बुधवार को जालोर जिले में पहुंचकर मंदिर और घटनाक्रम से जुड़े लोगों से चर्चा कर इस पूरे मामले की तथ्यात्मक जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया को सौपेगी। कुछ दिनों पहले ही संत रविनाथ महाराज ने आत्महत्या की थी। स्थानीय लोगों ने इसे मुद्दा बनाते हुए इस प्रकरण में स्थानीय भाजपा विधायक पूराराम चौधरी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए, लेकिन भाजपा ने इस पर चुप्पी साधे रखी। आरोप यह भी लगे कि भरतपुर में संत की आत्महत्या पर भाजपा ने मुखर रूप से आवाज उठाई लेकिन जालोर संत की आत्महत्या प्रकरण में बीजेपी चुप क्यों रही? यही कारण रहा कि जब भाजपा पर दबाव बना तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने इस मामले की जांच के लिए भी समिति का गठन कर दिया।
जसवंतपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुंधा माता तलहटी स्थित बाला हनुमान आश्रम के संत के आत्महत्या करने के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं की चुप्पी इलाके में नई सियासत का संदेश दे रही है। मामले में भाजपा के एक विधायक पर अंगुली उठ रही है, लेकिन कांग्रेस नेता इसे मुद्दा बनाकर चुनावों से पहले क्षेत्र में माहौल खड़ा करने में नाकाम रहे हैं। रानीवाड़ा के पूर्व विधायक रतन देवासी कांग्रेस जांच दल के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने भी कोई तीखी टिप्पणी नहीं की। और तो और, सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को घेरने का हाथ आया मौका छोड़ दिया। कांग्रेस नेताओं की हालत तो यह रही कि संत को श्रद्धांजलि अर्पित करते समय रानीवाड़ा के पूर्व विधायक रतन देवासी चप्पल उतारना तक भूल गए। कांग्रेस नेताओं के इन कृत्यों को अब भाजपा लपक रही हैं। इस मामले में भाजपा विधायक पूराराम समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका हैं और पुलिस समेत अन्य एजेन्सियां इस मामले की जांच कर रही है।
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