भारत: 23वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हुए शामिल उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी फ्लोटिंग पॉपुलेशन की दोहराई बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भोपाल में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में सीएम धामी ने केंद्र के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने को कहा है।
भोपाल/देहरादून | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भोपाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक का आयोजन हो रहा है। इसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रतिभाग किया। बैठक में सीएम धामी ने संसाधनों के आवंटन में इको सिस्टम सेवाओं को महत्ता देने और वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग पॉपुलेशन को ध्यान में रखने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भोपाल में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में सीएम धामी ने केंद्र के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने को कहा है। राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इको सिस्टम सेवाओं को महत्ता दिए जाने की मांग भी की।
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फ्लोटिंग पॉपुलेशन के हिसाब से हो वित्तीय संसाधनों का आवंटन: सीएम धामी ने केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग पॉपुलेशन को ध्यान में रखे जाने का अनुरोध किया। उन्होंने ने उत्तराखंड में एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना तंत्र के लिए सहयोग करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने मध्य क्षेत्रीय परिषद की आगामी बैठक उत्तराखंड में आयोजित करने का भी अनुरोध किया।
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मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के विकास में मिल रहे केंद्र सरकार के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर गतिमान है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं के निर्धारण में राज्य की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वन स्किम फिट ऑल के स्थान पर राज्य के अनुकूल टेलर मेड स्कीम तैयार करने पर भारत सरकार को विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। पर्यटन, हॉर्टीकल्चर और सगंध पौध आधारित केंद्रीय योजनाओं से राज्य को लाभ होगा।
पहाड़ों में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण जोर:
वहीं, सीएम धामी ने कहा कि इसका लाभ उत्तराखंड राज्य को ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र को होगा। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए एक विशेष अभियान को भी शुरू किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने उत्तराखंड की बाधित जल विद्युत परियोजनाओं के जल्द क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार से सहयोग का भी अनुरोध किया।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य अपने वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण करके राष्ट्र को महत्वपूर्ण इको सिस्टम सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। भोपाल के ही प्रतिष्ठित भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के एक अध्ययन के अनुसार, इन पारिस्थितिकी सेवाओं का वार्षिक मूल्य न्यूनतम 95,000 करोड़ रुपए आंका गया है। उन्होंने राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन पारिस्थितिकी सेवाओं को महत्ता दिए का अनुरोध भी किया।
बैठक में सीएम धामी ने कहा कि देश-विदेश से काफी ज्यादा संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों का आवागमन राज्य में होता है। उत्तराखंड की जनसंख्या लगभग सवा करोड़ है, लेकिन हरसाल उत्तराखंड में करीब 6 करोड़ लोगों का फ्लोटिंग पॉपुलेशन के रूप में आगमन होता है। इस प्रकार राज्य सरकार को लगभग सवा सात करोड़ लोगों के लिए अवस्थापना सुविधाओं की व्यवस्था करनी पड़ती है। अत: राज्य के सीमित संसाधनों के ²ष्टिगत केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग पॉपुलेशन के इस महžवपूर्ण तथ्य को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
रेलवे परियोजनाओं के लागत की हिस्सेदारी मिले 50 प्रतिशत की छूट:
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों को सड़क, रेलवे व वायु मार्ग से जोड़ना अत्यावश्यक है। ऑल वेदर रोड का विस्तार सीमांत क्षेत्र तक किया जाना चाहिए। राज्य के कुमाऊं मंडल में टनकपुर से बागेश्वर रेलवे लाइन का निर्माण किया जाए। सीमित संसाधनों के कारण उत्तराखंड राज्य को रेलवे परियोजनाओं के लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी की शर्त पर छूट मिलनी चाहिए।
चौखुटिया क्षेत्र में एक नए एयरपोर्ट की स्थापना की मांग: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि वर्तमान में राज्य में नैनी सैनी, गौचर, चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टियां विद्यमान हैं। सामरिक ²ष्टि से इनके विस्तारीकरण और अन्य हैलीपोर्ट्स का भी निर्माण किए जाने की आवश्यकता है। कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्र के मध्य और राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी के पास स्थित चौखुटिया क्षेत्र में एक नए एयरपोर्ट की स्थापना किया जाना आर्थिक एवं सामरिक ²ष्टि से अत्यंत आवश्यक है।
नेटवर्क विहीन गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान करने का अनुरोध:
उन्होंने भारत नेट 2 परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड के मोबाइल एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी विहीन 5942 ग्राम पंचायतों में कनेक्टिविटी प्रदान करने की बात कही। इसके लिए सीएम धामी ने भारत नेट 2 परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित कार्य शीघ्र स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया।
वहीं, सीएम धामी ने कैम्पा के तहत राष्ट्रीय प्राधिकरण के खाते में रखे जाने वाली 10 प्रतिशत की धनराशि को घटाकर 2 प्रतिशत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस शेष 8 प्रतिशत धनराशि को राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के ²ष्टिगत कैम्पा में अनुमन्य गतिविधियों के अंतर्गत वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण व संवर्धन संबंधी जनहित व कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में उपयोग में लाया जा सकेगा।
सीमांत जिलों में लागू होगी हिम प्रहरी योजना:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा कि राज्य के सीमांत जनपदों के हिमाच्छादित क्षेत्रों में हिम प्रहरी योजना लागू किया जाना प्रस्तावित है। हिम प्रहरी दल की ओर से दैवीय आपदाओं के समय सूचना, राहत एवं बचाव कार्य, ग्राम वासियों को सीमा सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण, जागरूकता, आत्म-रक्षा का प्रशिक्षण का कार्य किया जाएगा। उन्होंने भारत सरकार से इसके लिए आर्थिक सहायता का अनुरोध किया।
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