सिरोही में पुलिस निरीक्षकों के तबादले: शराब तस्करी के दाग को साफ करने की तैयारी, कप्तान के बाद अब पुलिस निरीक्षकों के तबादले

शराब तस्करी के दाग को साफ करने की तैयारी, कप्तान के बाद अब पुलिस निरीक्षकों के तबादले

सिरोही। शराब तस्करों से सांठगांठ के आरोपों से घिरी सिरोही पुलिस की पिछले पंद्रह दिनों से जिले के साथ साथ देश और प्रदेश में भी खाकी की खूब किरकिरी हो रही है। मीडिया में एक के बाद एक खुलासे होने एवं सिरोही पुलिस के ही एक कांस्टेबल द्वारा कैमरे पर आकर जिले के कप्तान पर लगाए सनसनीखेज आरोपों ने खाकी में छुपे तस्करों का खुलासा क्या किया, मीडिया के साथ साथ मुख्य विपक्षी भाजपा और नागौर के सांसद को राज्य की कोंग्रेस सरकार को घेरने का बड़ा मुद्दा हाथ लग गया। ऐसे में सरकार ने अपनी किरकिरी होने से बचने के लिए दो दिन पहले सिरोही के एसपी हिम्मत अभिलाष टाक को तुरन्त प्रभाव से सिरोही से हटाना पड़ा।  एसपी को हटाने के बाद अब उन थानाधिकारियों को भी हटाने की कवायद शुरू हो गई हैं, जिन पर इस खेल में भागीदार होने के आरोप लगे हैं।
 जोधपुर रेंज आईजी नवज्योति गोगोई ने एक आदेश जारी कर जिले के तीन पुलिस निरीक्षकों का जिले से बाहर तबादला कर दिया, वहीं अन्य जिलों से तीन पुलिस निरीक्षकों को सिरोही लगाया गया हैं। सिरोही जिले से हटने वाले पुलिस निरीक्षकों में आबूरोड़ रीको थानाधिकारी राणसिंह सोढ़ा एवं सदर थानाधिकारी देवीसिंह को जैसलमेर भेजा गया हैं, वहीं आबूरोड़ सिटी थानाधिकारी ओमप्रकाश बिश्नोई को बाड़मेर भेजा गया हैं। जिले से बाहर भेजे इन तीन सीआई की जगहों पर सिरोही जिले को दिए पुलिस निरीक्षकों में भंवरलाल, बलभद्रसिंह व राजीव भादू के नाम हैं। जो पाली व जोधपुर ग्रामीण से सिरोही ट्रांसफर किए गए हैं। 

निरीक्षकों के बाद अब उप निरीक्षकों की बारी

शराब तस्करी के इस खेल में मुख्य भूमिका निभाने के आरोप एसपी हिम्मत अभिलाष पर लगे थे। पर इस खेल में कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे। जिनकी देखरेख में यह काला कारोबार संचालित करने के आरोप प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगे हैं। आज आई तबादला सूची में तीन पुलिस निरीक्षकों के तबादले किए गए हैं। पर बहुत जल्दी दूसरी तबादला सूची भी जारी की जाने वाली हैं। जिसमें जिले के तीन से चार उप निरीक्षक स्तर के थानाधिकारियों का तबादला किए जाने की संभावना हैं। इसके अलावा कई हेडकांस्टेबल और कांस्टेबल को भी स्थानांतरित किया जाएगा। 

जान बची तो लाखों पाए

जान बची तो लाखों पाए वाली कहावत तो सुनी ही होगी। भ्रष्टाचार के आरोपों से कलंकित हुए सिरोही जिले के ये पुलिस अधिकारी भी कुछ कुछ ऐसा ही महसूस कर रहे। यानी सिर्फ जिले से बाहर भेजना एक सामान्य प्रक्रिया हैं। इन अधिकारियों को तो पिछले कई दिनों से इस बात का डर सता रहा हैं कि निलंबन जैसी कोई बड़ी कार्रवाई ना हो जाए।

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