Gandhi Jayanti @ जल जीवन मिशन एप लॉन्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन एप और नेशनल जल जीवन कोष किया लॉन्च, अब वॉटर सप्लाई और वॉटर क्वालिटी की मिलेगी जानकारी

मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन एप और नेशनल जल जीवन कोष लॉन्च किया। इस एप के माध्यम से लोगों को वॉटर सप्लाई और वॉटर क्वालिटी की जानकारी मिल सकेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल जीवन मिशन का विजन केवल देश की जनता तक पानी पहुंचाना ही नहीं, बल्कि विकेंद्रीकरण का भी एक बहुत बड़ा मूवमेंट है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन एप और नेशनल जल जीवन कोष किया लॉन्च, अब वॉटर सप्लाई और वॉटर क्वालिटी की मिलेगी जानकारी

नई दिल्ली, एजेंसी।
आज दो अक्टूबर गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन एप और नेशनल जल जीवन कोष लॉन्च किया। इस एप के माध्यम से लोगों को वॉटर सप्लाई और वॉटर क्वालिटी की जानकारी मिल सकेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल जीवन मिशन का विजन केवल देश की जनता तक पानी पहुंचाना ही नहीं, बल्कि विकेंद्रीकरण का भी एक बहुत बड़ा मूवमेंट है। इसका मुख्य आधार जन भागीदारी और जन आंदोलन ही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भी कई लोगों को पानी के लिए नदी या तालाब तक जाना पड़ता है, पानी इन लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें सवाल पुछना चाहिए कि इन लोगों तक पानी क्यों नहीं पहुंचा लेकिन यह सवाल उन जिम्मेदारों से पूछा ही नहीं गया।

2019 तक 3 करोड़, अब 5 करोड़ लोगों तक पाइप कनेक्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2019 तक 3 करोड़ घरों तक पाइप कनेक्शन आता था, लेकिन 2019 में जल जीवन मिशन लॉन्च होने के केवल दो साल में 5 करोड़ घरों में पाइप कनेक्शन दिया गया। जितना 70 साल में हुआ, उससे ज्यादा तो केवल पिछले दो साल में हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार बापू के सपने को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं। महात्मा गांधी और लाल बहादूर शास्त्री के हृदय में भारत के गांव बसे हुए थे, आज देशभर के लाखों गांवों के लोग ग्राम सभाओं के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं। जल मिशन को इसी उत्साह, उर्जा से सफल बनाया जा सकता है। आज देश के अधिकांश गांव खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके है, करीबन 2 लाख गांवों ने कचरा प्रबंधन का काम शुरू कर दिया। जबकि 40 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने का फैसला कर लिया। 

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