राजस्थान विधानसभा और अनुदान मांगे पारित: विधानसभा में चिकित्सा मंत्री मीणा का बयान, प्रदेश में कोई भी चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और अन्य स्टाफ नहीं रहेगा डेपुटेशन

प्रदेश में चिकित्सा विभाग सुनिश्चित करेगा कि कोई भी चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और अन्य स्टाफ डेपुटेशन पर नहीं रहे। इसके लिए पदों का समानीकरण किया जाएगा। वहीं, बिना विभाग की अनुमति व जानकारी में लाए यदि किसी भी कार्मिक को डेपुटेशन पर लगाया जाएगा तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

विधानसभा में चिकित्सा मंत्री मीणा का बयान, प्रदेश में कोई भी चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और अन्य स्टाफ नहीं रहेगा डेपुटेशन

जयपुर।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में कहा कि निरोगी राजस्थान के निर्माण के लिए गत 3 वर्षों में राजस्थान में बेहतरीन कार्य हुआ है।
प्रदेश में चिकित्सा विभाग सुनिश्चित करेगा कि कोई भी चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और अन्य स्टाफ डेपुटेशन पर नहीं रहे। इसके लिए पदों का समानीकरण किया जाएगा। 
वहीं, बिना विभाग की अनुमति व जानकारी में लाए यदि किसी भी कार्मिक को डेपुटेशन पर लगाया जाएगा तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी चिकित्सा सेंटरों पर चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और अन्य स्टाफ नियमित कार्यरत रहे। 
मीणा विधानसभा में चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे।
चर्चा के बाद सदन ने चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की 142 अरब, 20 करोड़  90 लाख  50 हजार रुपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी। 
मीणा ने कहा कि अब गंभीर बीमारियों के उपचार और जांच भी नि:शुल्क हो गई है। मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा में मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अब 5 लाख से बढ़ाकर राशि 10 लाख रुपए कर दी गई है।
विभाग लगातार प्रयासरत है कि हर अस्पताल में ईसीजी टेक्निशियन नियुक्त किए जाए। एनएचएम में कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर के 7810 संविदा पदों पर भर्ती कर 391 को नियुक्ति दी जा जा चुकी है।
20 जिलों में 100 प्रतिशत कोविड टीकाकरण
कोविड की प्रथम और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन, दवाईयों की कमी नहीं आने दी। वर्तमान में राज्य के 20 जिलों में 100 प्रतिशत कोविड टीकाकरण हो चुका है। प्रदेश में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए टीके लगाये जा रहे है। टीका लगाने की उम्र कम करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है। 

जल्द आएगी राइट टू हैल्थ पॉलिसी
उन्होंने बताया कि ‘राजस्थान राईट-टू-हैल्थ केयर एक्ट’ का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा। सवाई मानसिंह अस्पताल में और अधिक सुविधायें बढ़ाएंगे। यहां राज्य की सबसे ऊची इमारत के रूप में लगभग 450 करोड़ रुपए लागत से 24 मंजिला आईपीडी टॉवर बनाया जा रहा है।
इसके वर्कऑर्डर जारी कर दिए गए है। यहां एक हेलीपेड, 1200 आईपीडी कॉटेज बैड जैसी सुविधायें भी होंगी। वहीं कोशिश की जा रही है कि प्रदेश में हर जिले में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो। 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 से लंबित प्रयोगशाला सहायकों की समस्याओं का समाधान निकाला जा रहा है। 965 सहायकों की नियुक्ति का रास्ता खोला है। जल्द नियुक्ति मिलेगी। 

राजस्थान में 482 सोनोग्राफी केंद्रों का पंजीयन निरस्त
मीणा ने बताया कि हाल में मेडिकल दुकानों के निरीक्षण में रिश्वत लेने की घटना सामने आई है। इससे संबंधित अधिकारी को एपीओ किया गया है। उन्होंने सभी से अपील करी कि ऎसे मामलों में तुरंत विभाग को सूचित करें। 
ऐसे कार्मिकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लघंन पर सख्त कार्रवाई करते हुए 482 सोनोग्राफी केंद्रों के पंजीकरण को निरस्त कर दिये गये है। 
उन्हाेंने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर जीवन बचाने वालों को 5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि और प्रशस्ति पत्र दिए जा रहे है। 
सिरोही सहित 8 मेडिकल कॉलेजों का कार्य प्रगति पर
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री मीणा ने बताया कि इन दिनों प्रदेश के 8 मेडिकल कॉलेजों के लिए कार्यादेश जारी किया जाकर वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगतिरत है। इनमें श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, हनुमानगढ़, दौसा, अलवर और नागौर के मेडिकल कॉलेज है। 
उन्होंने बताया कि मेडिकल पढ़ाई के लिए प्रदेश के विद्यार्थियों को बाहर नहीं जाना पड़े, इसलिए गत तीन वर्षों में 1080 एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में बहरापन नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए नीति बनाएंगे। इससे बाल्यकाल की प्रारंभिक अवस्था में ही हियरिंग स्क्रीनिंग ओटो अकोस्टिक इमिशन द्वारा की जाएगी। बाल्यकाल में ही बहरेपन का सही समय पर उपचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर  के 3631 संविदा पदों, प्रबंधकीय संवर्ग में 666 पदों तथा नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के 4693 पदों पर प्रक्रियाधीन भर्ती को शीघ्र पूरी कर नियुक्ति देंगे। फार्मासिस्ट के 1799 पदों, नर्स ग्रेड-द्वितीय के 1250 पदों, हॉस्पिटल केयर टेकर के 55 पदों एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के 24 पदों पर भर्ती अभ्यर्थना राजस्थान लोक सेवा आयोग को भेज दी गई है।
जयपुर, जोधपुर, उदयपुर में 3.75 करोड़ की लागत से एकीकृत जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला विकसित की जाएगी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में चिकित्सा शिक्षकाें के 751 पदों पर भर्ती की जाएगी।

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