जालोर पुलिस की कारस्तानी उजागर: पोक्सो, एससीएसटी और रेप मामले में संलिप्त आरोपी को जालोर सीओ ने पुलिस जांच में बताया निर्दोष, कोर्ट ने दोषी मानते हुए जारी किया गिरफ्तारी वारंट, 2 माह से गिरफ्तार ही नहीं कर रही जालोर पुलिस

जालोर के बागरा पुलिस थाना इलाके में नाबालिग से रेप मामले में पुलिस पर मिलीभगत के लगे थे आरोप, पुलिस ने एक आरोपी को कर दिया था बरी,जबकि कोर्ट ने माना दोषी और गिरफ्तार के दिए आदेश। कोर्ट आदेशों के बावजूद 2 माह से पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तार।

पोक्सो, एससीएसटी और रेप मामले में संलिप्त आरोपी को जालोर सीओ ने पुलिस जांच में बताया निर्दोष, कोर्ट ने दोषी मानते हुए जारी किया गिरफ्तारी वारंट, 2 माह से गिरफ्तार ही नहीं कर रही जालोर पुलिस

जालोर। 
जालोर के बागरा पुलिस थाना इलाके में 11 नवंबर 2021 को नाबालिग से रेप, अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ। पीड़िता ने 2 आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस के समक्ष 161 में दो आरोपियों के नाम बताए तथा कोर्ट में भी 164 के बयान हुए तो पीड़िता ने 2 आरोपियों के नाम बताए, लेकिन मामले की जांच कर रही जालोर पुलिस ने अपनी चार्जशीट में 1 आरोपी को ही दोषी माना तथा दूसरे को पुलिस जांच में निर्दोष बताते मामले से बाहर कर दिया। 
चौंकाने वाली बात तो यह है कि जिस आरोपी को सीओ साहब ने निर्दोष माना उसे 16 फरवरी 2022 को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण मामला के न्यायाधीश ने रेप मामले में संलिप्त माना और गिरफ्तारी वारंट से तलब किया। लेकिन जालोर पुलिस कोर्ट के आदेशों तक को मानने को तैयार नहीं। पोक्सो कोर्ट की ओर से आरोपित के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तलब करने के बावजूद सवा दो माह बाद तक पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई। जबकि बागरा पुलिस ने वारदात की रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन ही आरोपी को राउंड अप करना बताया है।
ऐसे में सवाल खड़े हो रहे है कि वारदात के बाद रिपोर्ट दर्ज होने के 1 दिन बाद ही जिस आरोपी को बागरा थाना पुलिस ने राउंड अप कर लिया, उसे कोर्ट के आदेश के बावजूद जालोर पुलिस गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा रही। 
वहीं दूसरी ओर मामले की जांच करने वाले सीओ जालोर के साथ बागरा पुलिस थाने की भूमिका संदिग्ध प्रतित हो रही है। जालोर सीओ ने अपने स्तर पर ही पोक्सो, एससीएसटी एक्ट और रेप जैसे संगीन वारदात में शामिल आरोपी को अपने स्तर पर ही निर्दोष साबित करते हुए राउंड अब करने के बाद छोड़ दिया, जबकि इन तीनों ही मामले आरोपी गिरफ्तारी होना जरूरी है और जमानत तक नहीं हो सकती।

यह है मामला
बागरा पुलिस थाना इलाका निवासी एक युवक ने ​11 नवंबर को​ रिपोर्ट दर्ज करवाई कि 9 नवंबर की शाम को उसकी नाबालिग बहन बाजार गई थी। इस दौरान सांथू गांव निवासी कैलाश पुरोहित पुत्र डूंगर सिंह राजपुरोहित और प्रवीण पुरोहित पुत्र किस्तुर पुरोहित उसकी बहन को गाड़ी में उठाकर ले गए।

इसके बाद रात को एक सूनसान इलाके में ले जाकर उसे नशीला पदार्थ पिलाया और नशे के हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी प्रवीण पुरोहित ने उसके साथ रेप किया और उसके साथ कैलाश पुरोहित ने उसका साथ दिया। मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच जालोर सीओ हिम्मत सिंह चारण को दी गई।  
मामले में नाबालिग के अपहरण और रेप मामले में दो युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गईं। इसमें पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कार्रवाई करते हुए एक आरोपी प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया,जबकि कैलाश पुरोहित को राउंड अप करने के बाद छोड़ दिया।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पुलिस एक आरोपी को बचाने का प्रयास किया। इसका मुख्य कारण रसूख और रुपए है। आरोपियों में से एक आरोपी के पिता पंचायत में बतौर जनप्रतिनिधि है। 

धारा 190 सीआरपीसी के तहत लिया प्रसंज्ञान
इस मामले में पीड़िता की ओर से वकील भंवर लाल मेघवाल ने बताया कि पीड़िता इस मामले में दो आरोपियों के शामिल होने का दावा कर रही थी। पीड़िता की ओर से एफआईआर, 161 तथा 164 के बयानों में भी कैलाश और प्रवीण का नाम लिखाया गया। लेकिन जालोर पुलिस ने कैलाश राजपुरोहित को बचाते हुए प्रवीण के खिलाफ ही चार्जशीट पेश की।

इसके बाद कोर्ट में कैलाश राजपुरोहित को गिरफ्तार करने के लिए धारा 190 सीआरपीसी के तहत प्रसंज्ञान लिए जाने का निवेदन किया गया। इस मामले में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण मामले के न्यायाधीश हुक्मसिंह राजपुरोहित ने प्रसंज्ञान लेकर कैलाश राजपुरोहित पुत्र डूंगर सिंह राजपुरोहि निवासी सांथू के लिए गिरफ्तारी वारंट तलब किया। 

इसे भी देखें:

Jalore @ नाबालिग से रेप और पुलिस का खेल: 

https://firstbharat.in/Rape-by-kidnapping-a-minor-in-Bagra-police-station-area-of-%E2%80%8B%E2%80%8BJalore-2-accused-in-FIR-police-arrested-only-one 


गिरफ्तारी वारंट पर भी नहीं हुआ हाजिर, एसपी को लिखा पत्र
इस मामले में 16 फरवरी 2022 को कोर्ट ने अगली तारीख पर आरोपी कैलाश को गिरफ्तार कर पेश करने के निर्देश दिए थे, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। लगातार कई तारीख पर पेश नहीं होने पर कोर्ट ने जालोर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखते हुए नाराजगी जताई और आरोपी को गिरफ्तार कर पेश करने के निर्देश दिए।

इस पर भी जालोर पुलिस अधीक्षक ने 1 एएसआई और 2 कांस्टेबल की टीम बना कर इतिश्री कर ली। इसमें आपको बता दें कि 1 एएसआई साहब जिन्हें एसपी ने गिरफ्तारी की जिम्मेदारी दी है, वो पहले ही अपने बयान से आरोपी कैलाश को बचाने का प्रयास कर चुके।

फर्स्ट भारत की खबर को कोर्ट के आदेशों ने की पुख्ता

जालोर के बागरा पुलिस थाना इलाके में नाबालिग का अपहरण और उसके बाद दुष्कर्म मामले में फर्स्ट भारत ने जालोर के बागरा थाना इलाके में नाबालिग का अपहरण कर किया रेप, FIR में 2 आरोपी, पुलिस ने किया 1 ही गिरफ्तार, पीड़िता का आरोप जनप्रतिनिधि के बेटे को बचाने का प्रयास शीर्षक से समाचार चलाया था।

इस समाचार में पुलिस की मिलीभगत तथा दूसरे आरोपी को पुलिस द्वारा बचाने का प्रयास करने के बार में लिखा गया था। लेकिन कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर फर्स्ट भारत की खबर को पुख्ता कर दिया।

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