आग ने तोड़ी कमर : मुम्बई के सिटी सेंटर में लगी आग जालोर के बीस हजार लोगों के रोजगार पर मार करेगी

दिवाली के बाद कई व्यापारी नए मार्केट में शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे थे, इससे पहले सब कुछ जलकर राख

मुम्बई के सिटी सेंटर में लगी आग जालोर के बीस हजार लोगों के रोजगार पर मार करेगी

जालोर | जालोर जिले के सैकड़ों व्यापारी मुम्बई के सिटी सेंटर में लगी आग के बाद बदहाल हैं। इस सिटी सेंटर में जालोर की आठ सौ से अधिक दुकानें थी, जो जलकर खाक हो चुकी हैं। इन दुकानों में करीब बीस हजार लोग काम करते थे। यहां कुल करीब बारह सौ दुकानें थी, जिनमें ज्यादातर में जालोर के लोग काम करते थे। सरकार इनकी कितनी मदद कर पाएगी? मदद करेगी भी या नहीं? यह सवाल इन व्यापारियों को खाए जा रहा है। दीपावली के त्योहार को देखते हुए भारी नुकसान ने व्यापारियों के परिवार सदमे में हैं।


कुछ माह पहले कोरोना के चलते लॉकडाउन एवं उसके बाद गुरुवार रात सिटी सेंटर में लगी आग ने जालोर निवासी करीब 800 प्रवासी व्यापारियाें की कमर तोड़ दी है। इस वर्ष इन व्यापारियों को दूसरी बार बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। मार्च के दौरान कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों ने बंद दुकानों के लाखों रुपए का किराया भरा।


इसके बाद दिवाली को लेकर व्यापारियों को उम्मीद थी कि आने वाले दिनों में लॉकडाउन में हुआ घाटा पूरा हाे जाएगा, लेकिन इससे पहले ही गुरुवार रात करीब 8 बजे मॉल में लगी आग ने सब कुछ बदल दिया। व्यापारियों के अनुसार सिटी सेंटर मॉल में करीब 1200 दुकानें हैं, जिनमें अधिकतर राजस्थानी हैं।
मुख्य रूप से जालोर के करीब 800 व्यापारियों की दुकानें थीं, जो पूरी तरह से जल गई थीं, जिससे व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। यही नहीं, जालोर के करीब 20 हजार युवा जो वहां पर नौकरी कर रहे थे, उनको भी आर्थिक नुकसान हुआ है।

कई व्यापारियों ने ले ली थी पारस मार्ग पर दुकानें, दिवाली के बाद होना था शिफ्ट 
जानकारी के अनुसार मॉल में सभी दुकानें किराए की हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लंबे समय से मोबाइल मार्केट में कार्य करने वाले व्यापारियों ने कुछ समय पहले पारस मार्ग पर स्थित एक मॉल में दुकानें खरीद ली थीं। व्यापारी आगे दिवाली की सीजन को देखते हुए उसी मॉल में थे। दिवाली के बाद पारस मार्ग वाले मॉल में शिफ्ट होने की तैयारी में जुटे थे, लेकिन उससे पहले ही सब कुछ जलकर नष्ट हो गया।

दो माह लग जायेंगे वापस पटरी पर आने के लिए, कई व्यापारी टूटे 
व्यापारियों के अनुसार कई व्यापारी जो कर्ज लेकर व्यापार शुरू किया था। ऐसे में उनको वापस नई शुरुआत करने के लिए बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। साथ ही अब वहां पर हालात यह है कि व्यापारियों को वापस उसी हालत में आने के लिए कई वर्ष लग जायेगा।

भीनमाल उपखंड क्षेत्र निवासी एक व्यापारी ने बताया कि एक वर्ष पहले करीब करीब 30 लाख रुपए का कर्ज लेकर सिटी सेंटर में व्यापार शुरू किया था। इसमें से 5 माह व्यापार बंद रहा एवं उसके बाद अब वापस शुरू हुआ, उससे पहले ही दुकानें जलने से उसे भारी नुकसान हुआ है।

व्यापारी बोले - पिछले समय में तीन बड़ी घटना देखी, अब कई व्यापारियों की कमर टूटी


सायला के तुरा निवासी नरेश चौधरी लंबे समय से मुंबई में मोबाइल मार्केट के व्यवसायी हैं। नरेश ने बताया कि मार्केट में 10 दुकानें उनकी हैं, जो सभी जल गई हैं। पारस मार्ग पर मॉल में दुकान ले ली थी, दिवाली के बाद वहां पर शिफ्ट होना था, लेकिन उससे पहले सब कुछ जलकर राख हो गया। सबसे ज्यादा जालोरवासियों को नुकसान हुआ है। उनके पास 30 के करीब जालोर का ही स्टाफ है।
आसाणा निवासी सुरेश कुमार माली ने बताया कि 2010 में मुंबई में दुकान शुरू की थी। 2011 में सहारा मार्केट में आग से नुकसान हुआ। उसके बाद कोरोना के समय व्यापार बंद होने से बंद पड़ी दुकानों का किराया भरना पड़ा। अब मॉल में आग लग जाने से व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। जालोर के हजारों परिवार पर नुकसान पड़ा है।

सरकार को करवाया है अवगत, की है अपील

भीनमाल इलाके में खास सक्रिय कांग्रेस के नेता और राजस्थानी प्रवासी फ्रेण्ड्स फाउण्डेशन के संयोजक श्रवणसिंह राठौड़ दासपां ने बताया कि इस बारे में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जानकारी देकर मदद की अपील की है। उन्होंने बताया कि व्यापारियों के हुए इस नुकसान का असर व्यापक हुआ है और वे कोशिश कर रहे हैं कि सरकारें इनकी कुछ मदद करे।

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