सिरोही! इस राज में बस दारू पीयो रंग करो: मुख्यमंत्री कह रहे नया साल दूध के साथ मनाओ, कांग्रेस के सिरोही नगर परिषद चेयरमैन का ठेका कर्फ्यू में बेच रहा अवैध दारू
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही नया साल दारू नहीं दूध के साथ मनाने का अभियान पिछले साल चला चुके हों और इस साल उन्होंने आठ बजे बाद के आयोजनों पर पूर्णत: रोक लगा दी हों, लेकिन उन्हीं की सदारत में नगर परिषद सिरोही के चेयरमैन का ठेका जनता को नियमविरुद्ध तरीके से शराब का वितरण कर रहा है।

सिरोही | प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही नया साल दारू नहीं दूध के साथ मनाने का अभियान पिछले साल चला चुके हों और इस साल उन्होंने आठ बजे बाद के आयोजनों पर पूर्णत: रोक लगा दी हों, लेकिन उन्हीं की सदारत में नगर परिषद सिरोही के चेयरमैन का ठेका जनता को नियमविरुद्ध तरीके से शराब का वितरण कर रहा है।
जबकि सरकारी आदेशों के अनुसार सिरोही जिले में शाम आठ बजे के बाद कर्फ्यू है। इसका मतलब है कि यदि आपका बच्चा भूख से बिलख रहा है तो पूरे सिरोही में आपको उसका हलक तर करने के लिए कहीं भी दूध नहीं मिलेगा। परन्तु यदि आपको शराब पीनी है तो कांग्रेस के नेता और सिरोही नगर परिषद के चेयरमैन मन्नू मेवाड़ा की टीम की सेवाएं हाजिर है।
आपको फोटो में दिख रहा यह ठेका सिरोही नगर परिषद के चेयरमैन और शराब के व्यवसाई महेन्द्र मेवाड़ा का है। मन्नू मेवाड़ा उर्फ महेन्द्र मेवाड़ा को सिरोही की जनता स्थानीय विजय माल्या के नाम से भी जानती है। फर्स्ट भारत की टीम ने जब शहर के ठेकों की आठ बजे बाद पड़ताल की तो मन्नू मेवाड़ा का ही ठेका खुला मिला। अन्य ठेकेदारों का कहना है कि उत्सव, पर्व और आयोजनों पर वह भी अतिरिक्त आय की आस रखते हैं, लेकिन उनके विरुद्ध विभाग भी सख्ती दिखाता है और लोग भी शिकायतें कर देते हैं, लिहाजा नियमों की पालना करने में ही भलाई है। देवनगरी के नाम से दुनिया में ख्यात सिरोही में जब इस तरह के हालात हैं तो सवाल उठते हैं कि सरकारी आदेश अपनों के खिलाफ क्यों लागू नहीं होते, क्या राजनीतिक दलों के आधार पर ही सरकारी आदेश लागू होते हैं। एक सवाल यह भी उठता है कि सिरोही की भोळी जनता ने कैसे व्यक्ति को अपना स्थानीय प्रतिनिधि स्वायत्त निकाय के मुखिया के तौर पर चुना है?
सिरोही के जिला मजिस्ट्रेट ने लागू कर रखा है कर्फ्यू
सिरेाही के जिला मजिस्ट्रेट ने आज ही एक आदेश जारी कर जिले में 1 जनवरी की शाम छह बजे तक कर्फ्यू लागू करने की आज्ञा दी है, लेकिन हालात ऐसे हैं कि अफसर आदेश में शायद महेन्द्र मेवाड़ा के इस ठेके के अलावा पूरे जिले की आम जनता पर लागू करने की बात इस आज्ञा में वर्णित करने से चूक गए।
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