सिरोही में संयम लोढ़ा का सियासी बवाल: विक्रम टैक्स, अवैध निर्माण और भाजपा के दोगले आचरण पर कड़ी निशानदेही
पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार व सिरोही-शिवगंज के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के एक ऑडियो ने जिले में सर्दी के थर्ड डिग्री टॉर्चर के बीच सियासी पारे को काफी हाई कर दिया हैं।
सिरोही | पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार व सिरोही-शिवगंज के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के एक ऑडियो ने जिले में सर्दी के थर्ड डिग्री टॉर्चर के बीच सियासी पारे को काफी हाई कर दिया हैं।
दरअसल शिवगंज शहर में आयोजित नववर्ष के स्नेह मिलन कार्यक्रम में पूर्व विधायक लोढ़ा खासे आक्रोशित नजर आए। इस दौरान उन्होंने मौजूदा विधायक और प्रदेश में राज्यमंत्री को जमकर घेरा।उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स,जीएसटी जैसे टैक्स तो आमजन को चुकाने पड़ते थे लेकिन सिरोही में इन दिनों विक्रम टैक्स की वजह से स्वायत्तशायी संस्थाओं को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं।
उन्होंने कहा कि हालात यह हो गए हैं कि विक्रम टैक्स भरने के बाद अधिकारी के पास फोन आता हैं इस काम को रोका नहीं जाएं।सिरोही-शिवगंज शहर में बिना अनुमति के करीब दो दर्जन से अधिक व्यवसायिक कॉम्पलेक्सों का निर्माण किसकी शह पर हो रहा हैं।
अवैध रूप से व्यवसायिक कम्पलेक्स के निर्माण से संस्था को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा हैं।अगर यह पैसा नगरपरिषद और पालिका में नहीं आ रहा हैं तो किसकी जेब में जा रहा हैं।
उन्होंने चेताते हुए कहा कि अगर संस्था के पास पैसे नहीं आएंगे तो आगामी दिनों में नालियां भी साफ नहीं हो पाएगी।
लोढ़ा ने कहा हमारे राज में शिवगंज शहर में कुमार विश्वास आ रहा हैं, कैलाश खेर आ रहा हैं, शैलेश लोढ़ा आ रहा हैं। इन सभी को बुलाने के लिए पैसे कहा से आ रहा था क्यूंकि हम एक एक अनुमति की रसीद कांटते थे ताकि नगरपालिका का खजाना भरे।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजें में कहा कि आपका नया नया राज था तो थोड़े दिन हमनें सहन कर लिया लेकिन अब आगे सहन नहीं किया जाएगा।अब विक्रम टैक्स की उगाही करना बंद कर दे वरना बैंड बजाने में समय नहीं लगेगा।
राज्यमंत्री समेत भाजपाइयों की आंखो पर पर्दा डालने जैसी हुई स्थिति-
संयम लोढ़ा ने कहां कि राज बदलें एक साल हुआ हैं राज बदलने से लोग तो दुखी हैं या नहीं बल्कि ये भाजपा वाले अपने ही इस राज से खूब दुःखी हैं।
अगर अपनी तो नहीं भी चले तो हम लोग कह सकते हैं कि हमारा राज नहीं हैं लेकिन ये लोग अपना दुख किसी को बता भी नहीं सकते हैं
हालात यह हैं कि इनको रोना भी हैं और किसी को पता भी नहीं चलना चाहिए। ऐसे में यह लोग बाथरूम में जाकर रोने और फिर अपना मुंह धोने की स्थिति में हैं।
उन्होंने शिवगंज निवासी भाजपा के एक जिला पदाधिकारी का जिक्र करते हुए कहा कि उनको अपना पट्टा जारी करने में जिस फ़जीहत का सामना करना पड़ा वो आप सभी से छुपी नहीं हैं।
जब भाजपा के जिला पदाधिकारी की यह स्थिति हैं तो आम आदमी की तो बिसात ही क्या हैं।
हमारे राज में प्रत्येक अधिकारी ने अपना कार्यकाल किया पूरा-
पूर्व विधायक लोढ़ा ने तंज कसते हुए कहां कि सिरोही में आया अधिकारी यहां रहना ही नहीं चाह रहा हैं। कारण हैं जनप्रतिनिधि उनसे गलत काम करवाना चाहते हैं।
अगर अधिकारी इनके कहे गलत काम नहीं करें तो उसे चलता कर देते हैं।उन्होंने कहां कि या तो आप अधिकारीयों से जनहित के काम करवा लो या फिर ट्रांसफर करवा लो।
उन्होंने कहां कि चाहे सीएमएचओं, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, शिवगंज ईओं, तहसीलदार का तबादला किया गया लेकिन यह अधिकारी न्यायालय से स्टे यानि स्थगन आदेश ले आए।
हमारे राज में तत्कालीन कलेक्टर सुरेंद्र सोलंकी की सेवानिवृत्ती भी सिरोही से हुई। उन्होंने कहां कि भागीरथ चौधरी ने पुरे चार साल तक शिवगंज के एसडीएम के रूप में अपनी सेवाएं दी।फिर चाहें कलेक्टर भगवती प्रसाद हो भंवरलाल हो सभी ने दो-तीन तक अपनी सेवा दी। इन अधिकारीयों से हमें भी कोई शिकायत नहीं रही।
मंत्री के लिए अपना मुंह लेकर रह जाने तो भाजपाई के लिए लुटिया डुबोने जैसी हुई स्थिति-
लोढ़ा ने एक हास्यास्पद किस्सा सुनाया और कहां कि एक कर्ता-धर्ता भाजपाई का थानेदार ने ट्रेक्टर पकड़ लिया। भाजपाई ने मंत्री को फोन कर कहां कि थानेदार ट्रेक्टर नहीं छोड़ रहा हैं। फिर क्या था मंत्री ने थानेदार को लगाया कॉल लेकिन पहले तो थानेदार ने कॉल नहीं उठाया और जब मंत्री बार बार कॉल करने लगे तो थानेदार ने अपना फोन स्विच ऑफ़ कर दिया।फिर मंत्री के पीएसओं ने संबंधित थाने के ही एक जवान को कॉल लगाकर कहां कि मंत्री जी थानेदार साहब से बात करना चाहते हैं जाकर बात करवाओ तब जाकर मंत्री की थानेदार से बात तो हुई लेकिन थानेदार ट्रेक्टर छोड़ने के लिए नहीं माने।मंत्री के लिए यह अपना सा मुंह लेकर रह जाने जैसा हो गया।
उसके बाद थानेदार ने ट्रेक्टर छोड़ना तो दूर उसी मामले में तब 379 यानी चोरी की अलग से एक धारा जोड़कर उसे न्यायालय में पेश किया जहां जमानत खारिज होने पर उसे जेसी किया गया हैं। ऐसे में उस भाजपाई के लिए तो मंत्री से थानेदार को कॉल करवाना अपनी लुटिया डुबोने की तरह साबित हुआ। उन्होंने कहां कि कैलाशनगर में भी एक भाजपाई और ऐसे तो करीब एक दर्जन किस्से हैं जो मै आपको सुना सकता हूं।
दोगली राजनीति करना भाजपा की फ़ितरत-
लोढ़ा ने इस अवसर पर भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहां कि भाजपा की कथनी और करनी में हमेशा अंतर रहा हैं। एक तरफ गौ माता का गौ मूत्र की बात तो दूसरी तरफ गोवा चुनाव में गाय के बीफ परोसने की पैरवी करते हैं।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक का जिक्र करते हुए कहां खुद भाजपा विधायक ने यह कहां हैं कि उत्तरप्रदेश में रोजाना 50 हजार गायें कट रही हैं। ऐसी स्थिति जब भाजपा सरकार में हैं तो यह साधू-संत फिर क्यों भाजपा के लिए वोट मांगते हैं ये समझ से परे हैं।
उन्होंने पिछले दिनों जालौर प्रभारी के रूप में जालौर में दिए एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए कहां कि पत्रकार ने मुझसे पूछा कि गाय को राज्यमाता बनाने के लिए चिट्टी लिखी गई हैं राज्यमाता के दर्जा दिए जाने पर आपकी क्या राय हैं? मैंने कहां कि राज्यमाता क्यों राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए।
केंद्र में भाजपा की सरकार हैं तो प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखनी चाहिए और राष्ट्रमाता का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहां कि पूर्ववर्ती हमारी कांग्रेस ने गौवंश के लिए अभूतपूर्व काम किया हैं जो इतिहास बन गया हैं, चाहें गौवंश के लिए अनुदान हो, भूमि आवंटन हो या फिर नंदीशाला हो हमनें खुले मन से गाय की सेवा की हैं।
हमारी सरकार में गायों को मिल रहा अनुदान भी इस कथित गौ-भक्त सरकार ने रोक दिया हैं।सिरोही की नंदीशाला के लिए मैं डेढ़ करोड़ रूपये देकर गया था लेकिन एक साल बीत गया जिला कलेक्टर ने एक रुपया तक नहीं दिया हैं। शराब पर सेस, रजिस्ट्री पर सेस लगा रखा हैं उसी पैसे में से तो गाय पर खर्च करना हैं कोई अपने घर से तो देना नहीं हैं फिर क्यों नहीं दिया जा रहा हैं।
राजनीति में हार-जीत होती रहती हैं..जहां होगा अन्याय वहां आमजन के साथ मिलेंगे खड़े-
लोढ़ा ने कहां कि राजनीति और चुनाव में हार-जीत होती रहती हैं।उन्होंने मौजूद लोगों से कहां कि चुनाव निबटे एक साल हुआ हार का रोना कब तक रोयेंगे। हमारा काम लोगों के साथ खड़े रहने का हैं और हम हमेशा खड़े रहेंगे। जब सत्ता में बैठे लोग ही जब जनता की सुनना बंद कर देंगे तो हमें तो उनकी सुननी ही पड़ेगी और समस्या का निराकरण भी करवाना होगा। हमारे सक्रिय रहने का कारण भी यही हैं कि हमें राजस्थान और राजस्थान के लोगों की चिंता हैं।
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