मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना : छोटे से गांव की बेटी ने किया जालोर का नाम रोशन

खुशबू कंवर का चयन  जिला स्तर पर10 वी बोर्ड में राजकीय विद्यालय में अध्ययन करते हुए छात्रा वर्ग में जिले में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर हुआ है।जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना में चयन होने पर न केवल विद्यालय में उत्साह का माहौल है बल्कि छात्रा के गांव सुमेरगढ़ खेड़ा के लोग काफी उत्साहित है और

छोटे से गांव की बेटी ने किया जालोर का नाम रोशन

रामसीन | निकटवर्ती गांव मांडोली नगर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाली खुशबू कंवर देवड़ा का राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना में  चयन होने पर न केवल मांडोली विद्यालय बल्कि उसके गांव  सुमेरगढ़ खेड़ा में उत्साह का माहौल है।

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गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रत्येक जिले से चार मेधावी छात्राओं का चयन किया जाता है जिसमे राजकीय विद्यालय में अध्यन करते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड  राजस्थान अजमेर  द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षा में जिला स्तर पर प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं का चयन किया जाता है वही एक छात्रा जो बीपीएल वर्ग से तथा एक अनाथ छात्रा जिसने जिला स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त किया हो कुल चार छात्राओं का चयन किया जाता है।

खुशबू कंवर का चयन  जिला स्तर पर10 वी बोर्ड में राजकीय विद्यालय में अध्ययन करते हुए छात्रा वर्ग में जिले में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर हुआ है।जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना में चयन होने पर न केवल विद्यालय में उत्साह का माहौल है बल्कि छात्रा के गांव सुमेरगढ़ खेड़ा के लोग काफी उत्साहित है और हर कोई उस बच्ची के तारीफों के पुल बांध रहा हैं।

खुश्बू कंवर जालोर पंचायत समिति के एक छोटे से गाँव सुमेरगढ़ खेड़ा की रहने वाली है। एक किसान परिवार में जन्मी खुशबू कंवर देवड़ा राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती है।

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गांव में शिक्षा की कमी के कारण व गांव में उच्च प्राथमिक स्तर तक ही विद्यालय होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को उच्च शिक्षा नही दिलवा पाते है। नजदीक 4 किलोमीटर की दूरी पर उच्च माध्यमिक विद्यालय है परंतु गांव में यातायात के साधनों का नितांत अभाव है।

अतः बच्चियों को अभिभावक विद्यालय  नही भेज पाते है जिसके कारण बच्चियां उच्च शिक्षा से वंचित हो जाती है।परंतु विपरीत परिस्थितियों के वावजूद खुशबू कंवर के पिताजी ईश्वर सिंह ने हार नही मानी और कहाँ की चाहे कितनी भी मुश्किलें आये में अपनी बेटी को जरूर पढ़ाऊंगा। और इसी दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास के कारण ईश्वर सिंह ने अपनी बच्ची का एडमिशन मांडोली विद्यालय में करवाया।और अपनी बेटी से कहाँ की बेटा तुम खूब पढ़ाई करो बाकी की चिंता मुझपर डाल दो।

खुशबू भी अपने पिता की अपेक्षाओं पर खरा उतरी और कड़ी मेहनत व देर रात तक पढ़ाई कर  दसवीं बोर्ड परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया।माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षा में राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा वर्ग में उसने जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसके कारण उसका चयन मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना में भी हो गया।जिसको लेकर न केवल विद्यालय में बल्कि छोटे से गांव खेड़ा में भी उत्साह का माहौल है।

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और हर माँ बाप जो कभी खुशबू कंवर को ताने देते थे कि लड़कियों को तो घर के काम संभालना है पढ़ाई करके क्या करना है वही लोग आज उस पर गर्व महसूस कर रहे है और उससे प्रेरित होकर अपनी  बच्चियों को भी आगे पढ़ाने के लिए तैयार हो रहे है।

अभाव में प्रभाव दिखाया है खुश्बू कंवर ने
छोटे से गाँव सुमेरगढ़ की रहने वाली खुशबू कंवर के लिए पढ़ाई में अव्वल रहना इतना आसान नही था। गांव में रात को लाइट न आने की समस्या।नल कनेक्शन न होने के कारण पानी भरने जाने की समस्या व समाज मे शिक्षा की  कमी के कारण बच्चियों को आगे न पढ़ाने कि मानसिकता आदि रोड़े अटक रही थी परन्तु न तो ये समस्या खुशबू कंवर और न ही उसके पिताजी के बुलंद हौसलों को डिगा पाई।  निरंतर पढ़ाई कर खुशबू कंवर ने जिले में स्थान प्राप्त कर वोह कहानी लिख दी है जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।

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विद्यालय की हर प्रतियोगिता में अव्वल रहती है खुशबू 
खुशबू कंवर विद्यालय में न केवल पढ़ाई में बल्कि सहशैक्षिक व खेलकूद प्रतियोगिता में भी अव्वल रहती है। खुशबू कंवर हॉकी में राज्यस्तर भी खेल चुकी है। और उसका सपना प्रशासनिक अधिकारी बनकर गांव का व समाज का नाम रोशन करना है। और बालिका शिक्षा व गरीबो की मदद करना है।

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